जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह चौधरी ने कहा कि मंत्री सुदिव्य सोनू मुख्यमंत्री के करीबी हैं और पूर्व शिक्षा मंत्री स्व. जगन्नाथ महतो के समय नियमावली निर्माण में इनकी अहम भूमिका रही है. साथ ही, 28 अप्रैल 2024 को हुए समझौते में भी वे मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रुप में मौजूद थे. समझौते में सहायक अध्यापकों को वेतनमान के समतुल्य मानदेय देने पर सहमति बनी थी, लेकिन अब तक लागू नहीं किया गया. कहा कि अब सहायक अध्यापक को समान कार्य के लिए समान वेतन मिलना चाहिए. श्री चौधरी ने कहा कि घेराव के माध्यम से मंत्री से यह पूछा जायेगा कि किये गये वादे के बावजूद सहायक अध्यापकों को वेतनमान क्यों नहीं मिला. जिलाध्यक्ष ने जिले के सभी सहायक अध्यापकों से 5 नवंबर को गिरिडीह पहुंचने की अपील की. संचालन राजेंद्र महतो ने किया. मौके पर नंदनाल महतो, शोभा कुबरी, सुशांत सिंह देव, सुखराम हांसदा, महानंद मांझी, राजेश कुमार चौबे, रंजीत महतो, सुखराम मांझी, खुर्शीद जमाल अंसारी, फारुख अंसारी, अरुण महतो, बिमल रॉय
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