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बोकारो थर्मल गुरु सिंह गुरुद्वारा में खालसा सृजन दिवस कल

बोकारो थर्मल में खालसा सृजन दिवस कल

बैसाखी को लेकर तीन दिवसीय अखंड पाठ शुरू

संवाददाता, बेरमो

325वां खालसा सृजन दिवस (बैसाखी) के अवसर पर 13 अप्रैल को बेरमो के आठ गुरुद्वारों का केंद्रीय कार्यक्रम बोकारो थर्मल स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में होगा. बैसाखी को लेकर 11 अप्रैल से शुरू अखंड पाठ साहेब का समापन 13 अप्रैल को होगा. कार्यक्रम में सबद, कीर्तन भाई गुरदीप सिंह एवं साथी द्वारा किया जायेगा. अखंड पाठ, भजन कीर्तन की समाप्ति के बाद गुरु का लंगर आयोजित किया जायेगा. बोकारो थर्मल गुरुद्वारा सिंह सभा में आयोजित कार्यक्रम में बोकारो थर्मल के अलावा कथारा,जारंगडीह, गोमिया, जारंगडीह, जरीडीह बाजार, सुभाष नगर,करगली,संडे बाजार के गुरुद्वारा सिंह सभा के श्रद्धालु शामिल होंगे. मालूम हो कि सिख लोगों के लिए बैसाखी का त्योहार खास होता है. देश के अलग-अलग जगहों पर इस पर्व को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है, जैसे बंगाल में नबा वर्ष, केरल में पूरम विशु, असम में बिहू के नाम से लोग इस पर्व को मनाते हैं. बैसाखी को सिख समुदाय के लोग नये साल के रूप में मनाते हैं. किसान अपनी पकी हुई रबी की फसल को देखकर खुश होते हैं और हर्षोल्लास इस दिन को बड़े त्योहार के रूप में मनाते हैं. बैसाखी के दिन सिख समुदाय के लोग गुरुद्वारों में विशेष उत्सव मनाते हैं, क्योंकि इस दिन सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंहजी ने 13 अप्रैल 1699 में आनंदपुर साहिब में मुगलों के अत्याचारों से मुकाबला करने के लिए खालसा पंथ की स्थापना की थी. साथ ही गोविंद सिंह जी ने गुरुओं की वंशावली को समाप्त कर दिया था. इसके बाद सिख समुदाय के लोगों ने गुरु ग्रंथ साहिब को ही अपना मार्गदर्शन बनाया. बैसाखी पर्व पर कई तरह के पकवान बनते हैं और सिख समुदाय के लोग सुबह गुरुद्वारे जाते हैं. गुरुद्वारे में जाकर गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ व कीर्तन करते हैं..

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