आकाश कर्मकार/विशु, फुसरो, मकोली में सीसीएल ढोरी प्रबंधन का कायाकल्प पब्लिक स्कूल चार साल में ही बंद हो गया. फिलहाल इस स्कूल का भवन खंडहर में तब्दील हो गया है. स्कूल परिसर में झाड़ियां उग गयी हैं. कमरों में सिर्फ अधिकारियों व नेताओं के पोस्टर दिख रहे हैं. इस स्कूल का उद्घाटन 26 फरवरी 2019 को तत्कालीन कोल इंडिया चेयरमैन सह सीसीएल सीएमडी गोपाल सिंह व तत्कालीन गिरिडीह सांसद रवींद्र कुमार पांडेय, तत्कालीन बेरमो विधायक योगेश्वर महतो बाटुल, डुमरी विधायक स्व जगरनाथ महतो आदि की उपस्थिति में किया गया था. इस स्कूल में कक्षा एक से चार तक की पढ़ाई होती थी. यहां गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ते थे. सीसीएल ढोरी क्षेत्रीय प्रबंधन की ओर से सीएसआर के तहत इन बच्चों को पुस्तकें व पोशाक दी जाती थी. चार वर्ष तक सीसीएल ढोरी क्षेत्र के अधिकारियों की ओर से शिक्षक के रूप में शिक्षा दी गयी. अप्रैल 2023 से यह स्कूल बंद हो गया.
इस स्कूल में नामांकित 18 बच्चे चपरी गांव और नीचे धौड़ा मकोली के थे. स्कूल के बंद होने पर तत्कालीन महाप्रबंधक एमके अग्रवाल की पहल पर इन बच्चों का नामांकन डीएवी स्कूल ढोरी में कराया गया. ये बच्चे आज भी डीएवी स्कूल ढोरी में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इधर, अधिकारियों ने बताया कि इस स्कूल के बगल में ही में नया कायाकल्प स्कूल भवन बन कर तैयार हो चुका है. इसे जल्द चालू किया जायेगा.योगेश श्रीवास्तव ने चार साल तक बच्चों को निशुल्क पढ़ाया
इस स्कूल में सीसीएल ढोरी क्षेत्र के तत्कालीन कार्मिक प्रबंधक योगेश श्रीवास्तव ने सेवानिवृत्त होने के बाद भी लगभग चार साल तक बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा दी. एकमात्र शिक्षक के रूप में श्री श्रीवास्तव कक्षा एक से चार तक के बच्चों को पढ़ाते थे. केटेगरी टू के कर्मचारी राजेंद्र नोनिया स्कूल के रखरखाव की जिम्मेदारी निभाते थे. कभी-कभी बच्चे बिना नाश्ता किये स्कूल आ जाते थे. श्री श्रीवास्तव और श्री नोनिया निजी खर्च से बच्चों को नाश्ता कराते थे. कोरोना काल में भी श्री श्रीवास्तव बच्चों को उनके घर जाकर पढ़ाते थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

