Jharkhand High Court Judge in Chandrapura: बोकारो जिले में चंद्रपुरा के डीवीसी मैदान में शनिवार को राज्यस्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तिकरण शिविर का आयोजन किया गया. राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची की ओर से जिला विधिक सेवा प्राधिकार बोकारो और जिला प्रशासन बोकारो की ओर से आयोजित इस शिविर में आदिम जनजातियों और समाज के कमजोर वर्गों के बीच कुल 165.44 करोड़ रुपए की परिसंपत्तियों का वितरण प्रत्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से किया गया. इस अवसर पर जस्टिस प्रसाद ने कहा कि इस शिविर का उद्देश्य सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को आप तक पहुंचाना है. आपको अपने अधिकार और योजनाओं से अवगत कराना है.
- चंद्रपुरा में राज्य स्तरीय विधिक सेवा सह सशक्तीकरण शिविर का आयोजन
- जस्टिस सुजीत नारायण ने 165.44 करोड़ की परिसंपत्तियों का किया वितरण
जस्टिस प्रसाद बोले- जीवन के लिए जरूरी है रोटी, कपड़ा, मकान
जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा, ‘हमारा प्रयास है कि सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरें. जीवन के लिए रोटी, कपड़ा और मकान जरूरी है. महिलाएं यदि सशक्त हो जायें, तो घर, समाज और देश मजबूत हो जायेगा. आज जिन्हें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है, वे गांवों में जाकर इसका प्रचार करें, ताकि दूसरों को भी लाभ मिल सके.’

‘बिरहोर और पहाड़िया जनजाति को मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत’
जस्टिस प्रसाद ने कहा कि बिरहोर और पहाड़िया जनजातियों को मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है. सभी के प्रयास से जनजाति से आदिम शब्द हटे, इसकी कोशिश करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज भी समाज में डायन प्रथा और महिलाओं पर अत्याचार जैसी सामाजिक कुरीतियां मौजूद हैं, जो शिक्षित समाज के लिए कलंक है. आज ज्ञान जरूरी है. समाज के शिक्षित होने पर ही कुरीतियां दूर होंगी.
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महिलाओं को सशक्त बनाने वाली योजनाएं चलती रहे-रंजना अस्थाना
जस्टिस प्रदीप श्रीवास्तव ने कहा कि कमजोर वर्ग को लाभ और मजबूती प्रदान करना ही इस शिविर का लक्ष्य है. कुमारी रंजना अस्थाना ने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना ही शिविर का उद्देश्य है. महिलाओं को सशक्त बनाने वाली योजनाएं चलती रहे, ताकि पूरा समाज विकसित हो.
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बोकारो जिले में 3.07 लाख महिलाओं को मिल रहा मंईयां सम्मान योजना का लाभ
डीसी ने बोकारो जिले में चलायी जा रही कल्याणकारी और विकास योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रमुख उपलब्धियों की चर्चा की. कहा कि योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों को दिया जा रहा है. जिले में 3 लाख 75 हजार महिलाओं को मंईयां सम्मान योजना की राशि दी जा रही है. कार्यक्रम में जिले और प्रखंड के कई अधिकारी सहित डीवीसी के अधिकारी उपस्थित थे. इसके पूर्व कार्यक्रम में पहुंचने पर अतिथियों का स्वागत पारंपरिक आदिवासी लोक नृत्य प्रस्तुत कर व लोटा-पानी देकर किया गया.

सीटीपीएस प्रबंधन के सीएसआर विभाग के स्टॉल की सराहना
अतिथियों ने शिविर में विभिन्न विभागों सहित सीसीएल, डीवीसी और विभिन्न बैंकों की ओर से कुल 25 स्टॉल लगाये गये थे. अतिथियों ने इसका अवलोकन किया. सीटीपीएस के सीएसआर विभाग द्वारा लगाये गये स्टॉल में सीटीपीएस के वरीय महाप्रबंधक डॉ डीसी पांडेय और अभिजीत घोष ने उन्हें बताया कि अपने कमांड एरिया में डीवीसी विकास के काम करती है. स्थानीय युवकों को डीवीसी आइटीआइ के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी सिलाई-बुनाई सहित अलग-अलग सामान बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. स्टॉल में महिलाओं द्वारा बांस से बनाये गये सामान की न्यायाधीश ने सराहना की.
कार्यक्रम में ये लोग रहे मौजूद
मुख्य अतिथि झारखंड हाईकोर्ट के जज सह झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, कुमारी रंजना अस्थाना, डीआइजी सुरेंद्र झा, डीसी विजया जाधव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. मौके पर विभाग के सहायक श्रीवत्स सहित कंचन स्मिता टोप्पो, अमित सिन्हा, मो ओवेर, पीके भंडारी व अन्य मौजूद थे. भेंडरा में बनी लौह सामग्रियों और पारंपरिक हथियार का भी स्टॉल लगाया गया था. इस स्टॉल को देखकर सभी प्रभावित हुए.
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