बेरमो, भारत द्वारा आतंक के खिलाफ चलाये गये ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किये गये हमले के बाद बुधवार को गोमिया डिग्री कॉलेज के प्राचार्य रहे 84 वर्षीय दामोदर पांडेय ने वर्ष 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध पर अपनी यादों को प्रभात खबर के साथ साझा किया. अपने आवास में बातचीत के दौरान कहा कि पाकिस्तान की यह आदत है. उसमें सुधार आयेगा, हमको नहीं लगता है. वर्ष 1971 के युद्ध के बाद पाकिस्तान के दो टुकड़े हुए थे. अब चार टुकड़े होंगे. पीओके तो अपना है ही. श्री पांडेय ने कहा कि भारत अभी हर मामले आगे है. भारत के पास अर्थ शक्ति है, सैन्य बल है. वर्ष 1971 के युद्ध के समय कोई भी समाचार रेडियो से मिलता था. उस समय सेना का ऐसा एक्शन हुआ कि पाकिस्तान ने जो सोचा भी नहीं था. 90 हजार सैनिकों ने सरेंडर किया था. उस समय मैं आइइएल में नौकरी करता था और उसी के क्वार्टर में रहता था. मेरे पास रेडियो था और उसी से समाचार सुनते थे. तब के युद्ध के समय ब्लैक आउट किया गया था. क्वार्टर में शाम छह बजे के बाद बल्ब ऑफ रहता था. रात में साइरन बजने और लाइट ऑफ रहने का सिलसिला लगभग 15 दिनों तक चला.
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