Bokaro News : बीएसएल कर्मी प्रदीप कुमार गोस्वामी की मौत रविवार के अपराह्न हो गयी. परिजनों ने मेडिकल बोर्ड पर ढिलाई का आरोप लगाया है. बीएसएल के ट्रैफिक डिपार्टमेंट के कर्मी प्रदीप कुमार गोस्वामी दो साल से गंभीर रूप से बीमार थे. परमानेंट अनफिट घोषित करने के लिए मेडिकल बोर्ड मीटिंग होनी थी, इससे पहले ही मौत हो गयी. पीड़ित परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्त मिलेगी या नहीं, इसको लेकर विवाद शुरू हो गया है.
10 साल बची थी सर्विस :
बीएसएल कर्मचारी प्रदीप कुमार गोस्वामी का बीजीएच में उपचार चल रहा था. वह पिछले दो साल से ड्यूटी नहीं कर रहे थे. मृतक को 4 बेटी और एक बेटा है. तीन बेटी की शादी हो चुकी है. 10 साल की सर्विस बची है.ढिलाई का खामियाजा परिवार क्यों भुगते :
परिजन बीजीएच प्रबंधन की ढिलाई का खामियाजा परिवार क्यों भुगते. नियोजन की मांग की जा रही है. विस्थापित क्षेत्र बालीडीह के रहने वाले प्रदीप को विस्थापित कोटे से ही नौकरी मिली थी. नियोजन की मांग को लेकर बीजीएच में परिजनों सहित विभिन्न नेताओं का जमावड़ा लग गया है. बोकारो अनाधिशासी कर्मचारी संघ-बीएकेएस के अध्यक्ष हरिओम का कहना है कि हर मौत पर राजनीति होती है. प्रदीप कुमार गोस्वामी के निधन के बाद भी कुछ ऐसा ही दिख रहा है. घटनासंयंत्र के लिए दु:खद व चिंताजनक :
बीएकेएस अध्यक्ष हरिओम ने कहा : इस प्रकार की घटनाओं का घटित होना संयंत्र के लिए दु:खद व चिंताजनक है. यूनियन ने पहले भी डायरेक्टर मानव संसाधन-कॉरपोरेट कार्यालय को पत्र लिखकर मांग की थी कि मेडिकल इनवेलिडेशन बोर्ड को पुनः गठित करने की आवश्यकता है, ताकि कर्मचारी व उनके परिजनों को न्याय मिल सके. वर्तमान मेडिकल इनवेलिडेशन बोर्ड इतना सक्षम नहीं है कि किसी के अक्षमता का निर्णय ले सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

