कसमार, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की ओर से शुक्रवार को कसमार प्रखंड मुख्यालय स्थित सभागार में प्रखंड की जलसहियाओं के लिए जल-जांच प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और जलसहियाओं को जल परीक्षण तकनीक से दक्ष बनाना था. कार्यक्रम में मुख्य रूप से पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल तेनुघाट के कार्यपालक अभियंता चंदन कुमार उपस्थित थे. उन्होंने बताया कि शुद्ध पेयजल मानव जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधनों में से एक है, लेकिन जल के प्रदूषित हो जाने पर यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बन जाता है. अधिकांश पेयजल नदियों, तालाबों एवं अन्य प्राकृतिक स्रोतों से आता है, जिसे घरों तक पहुंचने से पहले अनेक चरणों में उपचारित किया जाता है. उन्होंने कहा कि जल गुणवत्ता जांच किट की मदद से अब गांव स्तर पर ही 12 अलग-अलग मापदंडों पर पानी की जांच आसानी से की जा सकती है. यह तरीका न केवल सुरक्षित और सरल है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल सुनिश्चित करने में अत्यंत प्रभावी भी है. प्रशिक्षण के दौरान जलसहियाओं को पानी की जांच, नमूना संग्रह, परिणामों की व्याख्या और रिपोर्टिंग की विस्तृत जानकारी दी गयी. कार्यक्रम में कनीय अभियंता गोपाल पोद्दार, प्रखंड वॉश को-ऑर्डिनेटर दिलीप कुमार गंझू, आइडीएफ जिला को-ऑर्डिनेटर घनश्याम साह, अनिरुद्ध, प्रशिक्षक पवन कुमार एवं विकास कुमार मौजूद थे. विभिन्न पंचायतों से आयी जलसहिया मीना देवी, ममता देवी, सजीवुन निशा, लक्ष्मी देवी, कौशल्या कुमारी, अष्टमी देवी, आशा देवी, सायना खातून, मीना सोरेन सहित अन्य प्रतिभागी ने प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया.
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