बोकारो, कहते हैं, जो शब-ए-बरात में इबादत करता है, उनके सारे गुनाह माफ हो जाते हैं. बोकारो के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी गुरुवार की शाम से खुद को इबादत से बांधे रखा. सारी रात इबादत कर अल्लाह से अपने किये गुनाहों के लिए माफी मांगी. सिवनडीह, उकरीद, भर्रा, गोशनगर, आजाद नगर कब्रिस्तान में देर शाम से ही लोगों का पहुंचना शुुरू हो गया था. इसके अलावा शब-ए-बरात पर मस्जिदों व घरों को विशेष रूप से सजाया गया था. शुक्रवार को लोगों ने शब-ए-बरात को लेकर दिनभर रोजा भी रखा, शाम में सपरिवार रोजा खोला गया. उकरीद मुखिया मो अजहरुद्दीन अंसारी ने बताया कि शब-ए-बरात की रात में मुस्लिम भाई बहन रातभर जागकर इबादत करते हैं. साथ ही पुरखों की मगफिरत यानी मोक्ष की कामना करते हैं. बारी को-ऑपरेटिव कॉलोनी निवासी मो रजी अहमद ने बताया कि शब-ए-बरात की रात हर साल मगफिरत और खैरो बरकत का पैगाम लेकर आती है. जिस मुकद्दस रात में बड़े से बड़े गुनाह को अल्लाह तौबा करने पर माफ फरमा देता हैं. पेटरवार, पेटरवार व आसपास के क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शब-ए-बरात गुरुवार की रात मनाया. प्रखंड के पेटरवार, सदमाकला, जरूवाटांड, लुकैया अंसारी मोहल्ला, लुकैया, उतासारा,चरगी, चिनिया गड्डा, हडमिता सहित अन्य कई क्षेत्रों में बड़े ही अकीदत के साथ मनाया गया. मस्जिदों को सजाया गया और कब्रिस्तान में रोशनी की गयी. शुक्रवार को अमन-चैन की दुआ मांगी गयी.
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