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Bokaro News : हस्तशिल्प के बल आत्मनिर्भर बन रहीं ग्रामीण महिलाएं

Bokaro News : बीएसएल सीएसआर के तहत हस्तशिल्प केंद्र परिसर में खोला गया है रिटेल आउटलेट, बांस, जूट, जलकुंभी जैसी प्राकृतिक व इको-फ्रेंडली सामग्रियों के उपयोग से बनाये जाते हैं उत्पाद

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बोकारो, बोकारो स्टील सिटी के सेक्टर दो स्थित बोकारो हस्तशिल्प केंद्र ग्रामीण महिलाओं की आत्मनिर्भरता और स्थानीय हस्तकला के संवर्धन का सशक्त उदाहरण बन चुका है. बीएसएल की कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) के तहत संचालित ब्रांड युक्ता का एक रिटेल आउटलेट भी हस्तशिल्प केंद्र परिसर में खोला गया है, ताकि इन हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को आमजनों तक पहुंचाया जा सके. महिलाओं की ओर से हस्तनिर्मित इन उत्पादों को बाजार में विशिष्ट पहचान देने के लिए ‘युक्ता’ नामक ब्रांड की शुरुआत की गयी है. इसका उद्देश्य उत्पादों को एक संगठित ब्रांडिंग मंच प्रदान करना है, जिससे उन्हें बेहतर बाजार व आय का अवसर मिल सके. इस कला में अब तक 600 से अधिक स्थानीय ग्रामीण महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है.

आउटलेट में प्रदर्शित उत्पाद पर्यावरण अनुकूल

आउटलेट में प्रदर्शित उत्पादों की रेंज ना सिर्फ आकर्षक है, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल भी है. यहां के उत्पाद बांस, जूट, जलकुंभी जैसी प्राकृतिक और इको-फ्रेंडली सामग्रियों के उपयोग से बनाये जाते हैं, जिससे न केवल पर्यावरण का संरक्षण होता है, बल्कि महिलाओं को पारंपरिक कला के माध्यम से सशक्त भी बनाया जा रहा है. आउटलेट सोमवार से शनिवार सुबह 10 बजे से शाम सात बजे तक खुला रहता है . हस्तनिर्मित उत्पादों की विविधता के साथ इसमें शामिल हैं : गोल व चौकोर ट्रे, सजावटी फूल, हस्तनिर्मित जलकुंभी की चप्पलें, लैंप शेड्स, डेकोरेटिव आइटम्स, फर्नीचर आदि. ये सभी उत्पाद बोकारो के ग्रामीण क्षेत्रों की स्थानीय महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा हस्तनिर्मित हैं, जिन्हें सीमित संसाधनों के बीच अपने हुनर को निखारने का अवसर मिला है. हस्तशिल्प की डिजाइन व स्टाइल देखते हीं बनती है.

कुछ गांवों से ही निर्माण में सक्रिय, कुछ का केंद्र में फिनिशिंग कार्य में योगदान

अधिकतर महिलाएं अपने गांवों से ही निर्माण कार्य में सक्रिय हैं, जबकि कुछ महिलाएं हस्तशिल्प केंद्र में फिनिशिंग कार्य में योगदान कर रहीं हैं. भविष्य में उत्पादों की डिजाइन रेंज को विस्तृत करने, फेस्टिव कलेक्शन (जैसे दीपावली, छठ आदि) लाने, व स्कूल-कॉलेज छात्रों के लिए क्राफ्ट वर्कशॉप आयोजन की योजना बनायी जा रही है, जिससे ग्रामीण प्रतिभा को मंच मिले. महिलायें आत्मनिर्भर बनें.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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