कसमार, कसमार व जरीडीह प्रखंड के विभिन्न जंगलों में अगलगी की जानकारी मिलने के बाद डीएफओ रजनीश कुमार ने मंगलवार को विभिन्न वन सुरक्षा समितियों के अध्यक्षों व सदस्यों के साथ अपने कार्यालय में बैठक की. अगलगी को रोकने के लिए-विचार विमर्श किया. उन्होंने समिति के पदाधिकारी से इस संबंध में राय ली. इस दौरान समिति की मांग पर आग बुझाने के लिए तत्काल दो मशीन उपलब्ध करा दी गयी. इसके अलावा विभाग के कर्मियों को भी समिति व ग्रामीणों के साथ मिलकर अगलगी की घटना को रोकने का निर्देश दिया. श्री कुमार ने कहा कि वनों को कटाई के साथ-साथ अगलगी से बचाने के लिए विभाग पूरी तरह से गंभीर है. अगर इस तरह की कहीं भी कोई घटना होती है तो उन्हें अवगत कराएं. वह उसे पर त्वरित कार्रवाई करने के लिए तत्पर हैं.
ग्रामीणों का सहयाेग जरूरी
डीएफओ ने कहा कि वनों की सुरक्षा ग्रामीणों के सहयोग के बिना संभव नहीं है. जंगल ग्रामीणों का जीवन आधार है और इसकी रक्षा के लिए ग्रामीणों को बढ़-चढ़कर मदद करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विभाग के स्तर से जो भी मदद की आवश्यकता है, उसे उपलब्ध करने के लिए विभाग हमेशा तैयार है. उन्होंने वनों को अगलगी से बचने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश भी दिया. समिति के कसमार प्रखंड अध्यक्ष गंगाधर महतो ने बताया कि फिलहाल एक सप्ताह का जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
ये थे मौजूद : मौके पर हिसीम अध्यक्ष दिलीप कुमार महतो, करमा शंकरडीह अध्यक्ष नित्यानंद महतो, रोरिया अध्यक्ष नंदलाल महतो, सदस्य रोरिया अर्जुन महतो, डाभाडीह अध्यक्ष नकुल मुंडा, चौड़ा अध्यक्ष दशरथ टुडु, भूरसाटांड़ अध्यक्ष मणिलाल मुंडा, रंजीत महतो आदि शामिल थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

