बोकारो, बोकारो स्टील प्लांट में अप्रेंटिस का प्रशिक्षण प्राप्त विस्थापितों को सीधे नियोजन या उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की मांग को लेकर विस्थापित अप्रेंटिस संघ के बैनर तले इस्पात भवन गेट के समक्ष गुरुवार को आंदोलन कर रहे विस्थापितों में से एक युवक प्रेम महतो की मौत से आक्रोशित विस्थापितों ने सेक्टर चार सिटी सेंटर सहित अन्य सेक्टर की दुकानों को शाम को बंद करवा दिया. अलग-अलग गुट में शामिल विस्थापित युवकों ने दुकानदारों को शीघ्र दुकानें बंद करने की चेतावनी दी. युवक हाथ में लाठी-डंडा लेकर सिटी सेंटर में घूम रहे थे. प्रेम की मौत का जिम्मेदार प्रशासन को बता रहे थे. वहीं दुकानदारों ने खुद ब खुद अपनी दुकानों को फटाफट बंद करना शुरू कर दिया. आठ बजते बजते सिटी सेंटर सहित विभिन्न सेक्टरों की दुकानों के शटर डाउन हो गए.
दोषी अधिकारियों व जवानों को किया जाये सस्पेंड, नहीं तो बीएसएल का उत्पादन करेंगे ठप
आक्रोशित विस्थापितों ने बोकारो जनरल हॉस्पिटल को जाम कर दिया. धमकी दी कि अगर दोषी अधिकारियों और जवानों को सस्पेंड नहीं किया गया, तो बीएसएल उत्पादन पूरी तरह से ठप कर दिया जाएगा. मेन गेट, सीइजेड गेट को बंद कर दिया गया. एडीएम बिल्डिंग और हॉस्पिटल के सामने भीड़ ने घेराबंदी की है. बताया जा रहा है कि 4500 विस्थापित परिवारों को चिह्नित किया गया था. पहले चरण में 1500 विस्थापितों को अप्रेंटिशिप कराया गया था.आजसू सहित विस्थापित संगठनों का बोकारो बंद आज
बोकारो स्टील प्लांट के प्रशासनिक भवन के समक्ष घटित घटना के विरोध में आजसू सहित विस्थापित संगठनों ने चार अप्रैल को बोकारो बंद का आह्वान किया है. बंद का समर्थन भाजपा और जेएलकेएम ने किया है.विस्थापितों ने तुपकाडीह में की सड़क जाम
जैनामोड़, बोकारो में विस्थापित अप्रेंटिस संघ के ऊपर लाठीचार्ज के विरोध में गुरुवार की देर शाम विस्थापितों ने तुपकाडीह में सड़क को जाम कर दिया. फुसरो-जैनामोड़ मुख्य सड़क को जाम करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की. पूर्व मुखिया व विस्थापित नेता टीना सिंह, वकील अग्रवाल, निवारण दिगार ने कहा कि अप्रेंटिस संघ के लोग अपने हक ओर अधिकार के लिए आंदोलन कर रहे थे, लेकिन बीएसएल के प्रबंधक के इशारे पर सीआइएसएफ ने संघ के ऊपर बेरहमी से लाठी चार्ज कर दिया. इसमें कई निर्दोष बेरोजगार युवक घायल होने के साथ विस्थापित गांव शिबूटांड़ निवासी प्रेम महतो की मौत हो गयी हैं. जरीडीह थाना प्रभारी कुमार विक्रम सिंह विस्थापितों को समझाने में जुटे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

