बोकारो, सदर अस्पताल में आनेवाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को शत-प्रतिशत आभा कार्ड व पंजीयन में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरविंद कुमार, डीडीएम कुमारी कंचन द्वारा निबंधन काउंटर पर सेवा देने वाले नरेंद्र कुमार, निशा कुमारी, काजल कुमारी व प्रीति कुमारी के बीच मंगलवार को टैब का वितरण किया गया. डॉ कुमार ने कहा कि अस्पताल एंड्राइड माेबाइल ना लेकर आनेवाले मरीजों के निबंधन में परेशानी हो रही थी. बिना पंयजीयन के स्वास्थ्य रिकार्ड रखना परेशानी भरा कार्य था. इसे लेकर सरकारी स्तर पर समाधान निकाला गया. अस्पताल की ओर से उनका आभा पंजीयन व आभा कार्ड बनाया जायेगा. टैब वितरण के मौके पर आइटी मैनेजर अमन कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
आभा पंजीकरण का लाभ
डॉ कुमार ने कहा कि रोगी पंजीकरण से लेकर उपचार तक की अपनी जानकारी को कागज रहित तरीके से रख सकेंगे. एबीडीएम (आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन) से जुड़ी डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को खोज सकेगे. आभा के जरिये संबद्ध हो सकेंगे. साथ ही लाभ उठा सकेंगे. पंजीकृत स्वास्थ्य सुविधाओं में पंजीकरण के लिए कतारबद्ध से बच सकेंगे. डॉ कुमार ने कहा कि आभा नंबर रेंडम तरीके से उत्पन्न एक 14 अंक का पंजीकरण है. इसके माध्यम से रोगी अपने सभी स्वास्थ्य रिकार्ड को डिजिटल रूप से जोड़ सकते हैं. एक्सेस कर सकते है. साथ ही चिकित्सक से साझा कर सकते है. सत्यापित स्वास्थ्य केंद्र से डिजिटल लैब रिपोर्टस, दवा की परची, रोग निदान परची आदि को आसानी से डिजिटल रूप में ले सकते हैं.
ऐसे बनायें आभा पंजीकरण नंबर
डॉ कुमार ने कहा कि आभा पंजीकर नंबर प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य कर्मी से सहायता ले सकते है. इसे बनाने के लिए आधार नंबर या ड्राइविंग लाइसेंस का उपयोग किया जा सकता है. अस्पताल में लगाये गये क्यूआर कोड को स्कैन भी किया जा सकता है. आभा नंबर बन जाने पर देश के किसी भी पंजीकृत स्वास्थ्य सुविधा केंद्र, सार्वजनिक या निजी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व स्वास्थ्य व कल्याण केंद्रों पर भी लाभ लिया जा सकता है.
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