बोकारो, जिले में तीन अप्रैल से प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में नये सत्र की पढ़ाई शुरू हो चुकी है. छात्र-छात्राएं नियमित रूप से स्कूल आ रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं करायी गयी हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है और वे होमवर्क भी सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. सत्र शुरू होने के एक माह बीतने के बाद भी विद्यार्थियों के हाथ में किताबें नहीं पहुंची हैं. शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण बच्चों की शिक्षा पर सीधा असर पड़ रहा है. पिछले वर्ष सत्र शुरू होने से पहले ही सभी छात्रों को किताबें उपलब्ध करा दी गयी थीं, लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल उलट है.
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी की ओर से शत-प्रतिशत पाठ्य पुस्तक वितरण नहीं किये जाने के कारण कड़ी नाराजगी व्यक्त की गयी है. उन्होंने जिले के तीन प्रखंड बेरमो, चंदनकियारी व चास प्रखंड में पाठ्य पुस्तक का वितरण शत-प्रतिशत नहीं किये जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी व प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी को शो कॉज किया है.उच्च अधिकारी के आदेश का अवहेलना व घोर लापरवाही
जिला शिक्षा पदाधिकारी श्री लोहरा ने बताया कि बेरमो प्रखंड में पहली से आठवीं कक्षा मैं 47.36 प्रतिशत, नौंवी से 12वीं कक्षा में 28प्रतिशत, चंदनकियारी प्रखंड में पहली से आठवीं कक्षा में 37. 26 प्रतिशत व चास प्रखंड में पहली से आठवीं कक्षा में 40.1 प्रतिशत और नौवीं कक्षा से 12वीं कक्षा में 35.31प्रतिशत पाठ्य पुस्तक का ही वितरण किया जा सका है. उन्होंने शो कॉज पत्र में लिखा है कि बीपीओ की ओर से निर्धारित तिथि समय तक बच्चों के बीच पाठ्य पुस्तक का वितरण नहीं करना उच्च अधिकारी के आदेश का अवहेलना व घोर लापरवाही है. इस संबंध में उन्होंने अपना स्पष्टीकरण दो दिनों के अंदर शिक्षा विभाग कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है. साथ ही शत-प्रतिशत पाठ्य पुस्तक का वितरण क्यों नहीं किया गया. उन्होंने 24 घंटा के अंदर पाठ्य पुस्तक का वितरण कर शत-प्रतिशत करते हुए लिंक में भरते हुए इस संबंध में लिखित प्रतिवेदन स्पष्टीकरण के साथ शिक्षा विभाग कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है