चास, चास गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य व 1984 दंगा पीड़ितों ने शुक्रवार को चास गुरुद्वारा परिसर में प्रेस वार्ता कर सरकार से विभिन्न मांग की. कहा कि चास-बोकारो में हुए दंगे में मारे गये सभी मृतकों के परिवार को पेंशन व सरकारी सुविधाएं अभी तक नहीं मिली. आर्थिक नुकसान का ना उचित मुआवजा मिला ना ही दोषी को सजा. कहा कि 2006 की नानावती आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दंगा पीड़ितों के परिवार के सदस्य को स्पेशल शिविर लगा के सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया को जल्द शुरू किया जाए.
दिल्ली व कानपुर के बाद बोकारो में जान-माल का हुआ था सबसे ज्यादा नुकसान
दिल्ली और कानपुर के बाद बोकारो में जान-माल का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था. सरकारी आंकड़ों में 72 से ज्यादा मौत हुई थी ,किंतु आज भी किसी भी केस में किसी को भी सजा नहीं मिली. लोगों ने कहा कि रांची हाइ कोर्ट की आदेश के बाद 2016 में बनी वन मैन कमीशन, तो आज कार्य कर रही है, पर बोकारो प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग नहीं होने के कारण पूरा कार्य अधूरा है. 1984 के सिख दंगा का 41 साल बाद आये दिल्ली कोर्ट के फैसले में, जिसमें सज्जन कुमार को उम्र कैद की सजा हुई, जो स्वागत योग्य है, पर इतने सालों बाद आये इस फैसले को बोकारो वासी फांसी की सजा की मांग करते हैं.
मौके पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के जसमीत सिंह सोढ़ी, हरपाल सिंह, सतनाम सिंह, मंदीप सिंह, साहेब सिंह, सुखविंदर सिंह, मलकीत सिंह, बलविंदर कौर, तलविंदर कौर , गुरप्रीत सिंह, रणदीप सिंह मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है