बोकारो, घर में बैठे भगवान को पहले खुश कीजिए. ऐसा करने से परमात्मा स्वत: खुश हो जायेंगे. घर में बैठे भगवान का मतलब माता-पिता समेत वरीय भाई व संबंधी है. इनकी सेवा ही भगवान की सच्ची सेवा है. ये बातें कथा वाचक राजन जी महाराज ने कही. सेक्टर चार स्थित मजदूर मैदान में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के आठवें दिन गुरुवार को भरत चरित्र व शबरी कथा की चर्चा हुई.
सब परमात्मा का है, हम सब सिर्फ केयरटेकर
राजन जी महाराज ने कहा कि ब्रह्मांड में जो भी है, वह परमात्मा का ही है. हमारे पास जो भी है, वह प्रभु का दिया हुआ है. अगर कोई सोचता है कि उसने संपत्ति अर्जित की है, तो यह गलतफहमी है. कोई भी संपत्ति अर्जित नहीं करता, बल्कि परमात्मा का है. इंसान सिर्फ केयरटेकर है. कहा कि समाज में कई ऐसे भी लोग रहते हैं, जो किसी के घर घटना हो जाती है, तो प्रवचन देते हैं. वह बताते हैं किसके लिए रोते हो, जो आया है वह जायेगा. लेकिन, समझने वाली बात है दर्द उसी को होता है, जिसका कोई खोता है. जिसने अपनों को खोया है.
जगत में कोई न परमानेंट
राजन जी महाराज ने राम-भरत मिलाप की चर्चा करते हुए कहा कि चित्रकूट में राम व भरत के मिलाप के वक्त पत्थर मोम की तरह कोमल हो गये थे. राम व भरत का विलाप देखकर माहौल गमगीन हो गया. राम व भरत का प्रेम विश्व में उदाहरण है. जहां एक भाई को सत्ता मिल रही थी, तो उसने बड़े भाई को सत्ता सौंपने के लिए हर संभव प्रयास किया. वहीं बड़ा भाई सत्ता को नीति की बात बोलकर स्वीकार नहीं करता. भरत का प्रेम ऐसा कि वह सत्ता पर राम के चरण पदुका चढ़ा देते हैं. मर्यादा कहती है कि अगर घर का कोई बाहर जाये तो घर का केयरटेकर बनिये, ना कि घर का त्याग कर दीजिये. कथा के दौरान जगत में कोई न परमानेंट… समेत कई भक्ति गीत की रस बहा. कथा श्रवण के लिए चास-बोकारो समेत आसपास के क्षेत्र से 30 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए. कथा के दौरान विशेष सूचना दी गयी कि अंतिम दिन यानी शुक्रवार को कथा का आयोजन 10 बजे सुबह से हाेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

