बोकारो, उपायुक्त अजय नाथ झा के आदेश पर क्लर्क राजेश कुमार पांडेय को डीएमएफटी विभाग से हटा कर सामान्य शाखा में तैनात किया गया है. इधर, 28 अगस्त की रात गोला पुलिस द्वारा श्री पांडेय के पास से जब्त 51 लाख रुपये के मामले में डीडीसी शताब्दी मजूमदार ने स्थानीय स्तर पर जांच शुरू कर दी है. डीसी ने डीडीसी को विस्तृत जांच कर एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने काे कहा है. डीसी के अनुसार, यह सरकारी कार्यालय की प्रतिष्ठा से जुड़ा है. इस बीच, आयकर विभाग की प्रारंभिक जांच में क्लर्क के पास से जब्त 51 लाख रुपये का संबंध जमीन बिक्री से नहीं होने के संकेत मिल रहे हैं. बताते चलें कि राजेश पांडेय ने अपने पास से मिले नकद 51 लाख रुपये का संबंध जमीन की खरीद-बिक्री से होने की बात कही थी. इसे साबित करने के लिए एक एमओयू भी दिखाया था. एमओयू के निबंधित नहीं होने की वजह से जांच एजेंसी ने मामले को संदेहास्पद मान कर जांच शुरू की है.
दावे के रूप में पेश कागजात पर संदेह
राजेश पांडेय द्वारा दावे के रूप में पेश दस्तावेज पर संदेह किया जा रहा है. जानकार बताते हैं कि जमीन की खरीद-बिक्री में 51 लाख की बड़ी राशि नकद लेने का कोई प्रावधान नहीं है. फिलहाल आयकर विभाग जब्त राशि के वास्तविक स्रोत का पता लगा रहा है. जिस कार से रकम जब्त की गयी थी, वह बोकारो की सावित्री देवी की है.
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