बोकारो, बोकारो इस्पात संयंत्र के संकार्य प्रभाग के मुख्य महाप्रबंधकों (सीजीएम) के लिए वित्त व लागत पर विशेष कार्यशाला का आयोजन शुक्रवार को लर्निंग एंड डेवलपमेंट सेंटर में किया गया. उद्घाटन सत्र में अधिशासी निदेशक (वित्त एवं लेखा) सुरेश रंगानी, अधिशासी निदेशक (मानव संसाधन) राजश्री बनर्जी, अधिशासी निदेशक (सामग्री प्रबंधन) सीआर मिश्रा, अधिशासी निदेशक (परियोजनाएं) ए सेनगुप्ता व अधिशासी निदेशक (संकार्य) प्रिय रंजन उपस्थित थे. सेल-बोकारो इस्पात संयंत्र के शीर्ष प्रबंधन की पहल पर आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य संयंत्र के सीजीएम स्तर के अधिकारियों में वित्तीय कौशल को सुदृढ़ करना, परिचालन व नीतिगत निर्णयों और वित्तीय प्रदर्शन के बीच संबंधों से अवगत कराना था.
श्री रंजन ने वर्तमान इस्पात उद्योग परिदृश्य पर एक प्रस्तुति दी. बोकारो इस्पात संयंत्र के समक्ष अवसरों और चुनौतियों पर विस्तारपूर्वक अपने विचार साझा किये. श्री रंगानी ने कार्यशाला की अहमियत को रेखांकित किया, जिन्हें नियमित रूप से नीतिगत निर्णय लेने होते हैं, जिसका प्रभाव संयंत्र और समग्र रूप से कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर पड़ता है. सुश्री बनर्जी ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर अपने विचार रखे.परिचालन और नीतिगत निर्णयों को वित्तीय प्रदर्शन से जोड़ना विषय
कार्यशाला के विभिन्न सत्रों का संचालन एनके सिंह, मुख्य महाप्रबंधक (वित्त एवं लेखा), बीएसएल व एमटीआइ, रांची से एस मल्लिक ने किया. प्रतिभागियों को व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करने के लिए इंटरैक्टिव गतिविधियों, केस स्टडी और लाइव समस्या-समाधान अभ्यासों को शामिल करते हुए डिजाइन की गयी थी. परिचालन और नीतिगत निर्णयों को वित्तीय प्रदर्शन से जोड़ना विषय पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य वरीय अधिकारियों को बैलेंस शीट, लाभ-हानि विवरण और कैश फ्लो जैसे प्रमुख वित्तीय विवरणों की व्याख्या और उन्हें आपस में जोड़ने, लागत कारकों और लाभप्रदता व निवेश पर उनके प्रभाव को पहचानने, वर्किंग कैपिटल, पूंजी संरचना और उनके निहितार्थों को समझना था.नेतृत्व संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कार्यशाला
सत्रों को ऐसे डिजाइन किया गया था कि यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो सके कि उत्पादन और खरीद से लेकर विपणन और निवेश तक, रोजमर्रा के प्रबंधकीय निर्णय किस प्रकार वित्तीय परिणामों में परिवर्तित होते हैं. प्रतिभागियों ने बेहतर निर्णय-निर्माण के लिए कार्य योजना तैयार करने के उद्देश्य से समूह अभ्यास में भी भाग लिया. कार्यशाला सेल-बोकारो की नेतृत्व संस्कृति को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो वित्तीय रूप से सुदृढ़ नीतिगत निर्णयों के माध्यम से सतत विकास को गति देने व शेयरधारक मूल्य को बढ़ाने में सक्षम हो. धन्यवाद ज्ञापन मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन–ज्ञानार्जन एवं विकास) नीता बा ने किया. संचालन सहायक महाप्रबंधक (मानव संसाधन–ज्ञानार्जन एवं विकास) अमित आनंद ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

