चास, प्रभात खबर आपके द्वार का आयोजन शनिवार को चास आइटीआइ मोड़ पर स्थानीय लोग, दुकानदारों व सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच किया गया. संवाद के दौरान सभी लोगों ने एक स्वर में जिला प्रशासन से चास बस पड़ाव को जल्द शुरू करने की मांग की.
लाेगों ने कहा कि चास आइटीआइ मोड़ स्थित बस पड़ाव का निर्माण तीन दशक पूर्व हुआ था. उस समय बसों का ठहराव होता था और उस रूट से गुजरने वाली सभी बसें रुकती थी. इसके अलावा ऑटो और ट्रेकर यहीं से खुलते थे. बस पड़ाव के कारण दर्जनों लोगों को रोजगार भी मिलता था. काफी रौनक रहती थी. कुछ साल ठीक से बस पड़ाव का संचालन हुआ. उसके बाद फिर बसें यहां रुकने के बजाय शहर के चौक-चौराहों पर रुकने लगीं. ऑटो और ट्रेकर, तो जैसे बस पड़ाव का रास्ता ही भूल गये. जोधाडीह मोड़ और धर्मशाला मोड़ से आगे बढ़ते ही नहीं थे. धीरे-धीरे बस पड़ाव की स्थिति जर्जर हो गयी और लोगों का इस बस पड़ाव से रिश्ता ही टूट गया. अब यह वीरान हो गया है. चास नगर परिषद ने नगर निगम चुनाव के कुछ महीने पूर्व चास बस पड़ाव का 35 लाख की लागत से जीर्णोद्धार कर फिर से चक-चक कर दिया था. इसके बाद स्थानीय लोगों को लगा कि अब फिर से यह बस पड़ाव फिर से शुरू होगा, एक उम्मीद जगी, लेकिन जीर्णोद्धार के 12 साल बाद भी कुछ नहीं हुआ और वर्तमान में चास बस पड़ाव का हालत फिर से जर्जर हो गयी.स्थानीय निवासी सह भाजपा नेता राजेश चौबे, हारु झरियात, विक्रम महतो सहित अन्य ने कहा कि चास नगर निगम की पांच साल तक सरकार चली और सात साल से निगम में प्रशासक राज चल रहा है, लेकिन बस पड़ाव शुरू करने में सभी विफल ही रहे. बस यह समस्या अब चुनावी मुद्दा बन कर रह गया है. नगर परिषद द्वारा जीर्णोद्धार में खर्च किये गये 35 लाख रुपये बर्बाद हो गये. अब इस बस पड़ाव को फिर से शुरू करने के लिए राशि खर्च करनी होगी, क्योंकि बस पड़ाव फिर से जर्जर हो गया है और बाउंड्रीवाल भी टूट गयी है.
फिर से शुरू करने की मांग
संवाद के दौरान दुकानदार राजकुमार बरनवाल, त्रिभुवन बरनवाल, बिल्लू साव, अनिल राय, इंद्रजीत चौधरी, साकेत राजवंशी, आदर्श चौबे, हीरामन गुप्ता, दिनेश सिंह, भोला राय, समेश्वर राय, शिवबली राय, जितेंद्र महतो सहित अन्य कहा कि हमारा चास शहर नगर परिषद से नगर निगम बन गया, लेकिन बस पड़ाव अभी तक शुरू नहीं हुआ. किसी ने इसे दोबारा चालू कराने की दिशा में ठोस पहल भी नहीं की. जल्द से जल्द शुरू किया जाये. बस और ऑटो मनमानी तरीके से सवारी उठाते हैं, जिससे आमलोगों को बहुत परेशानी होती है. यहीं से ऑटो भी चलना था, मगर सारी व्यवस्था टांय-टांय फिस्स हो गयी. इससे आइटीआइ, जोधाडीह, पिंड्राजोरा व आसपास के लोगों को भारी परेशानी हो रही है. जिला प्रशासन के अधिकारी घोषणाएं तो करते हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं हो रहा.
भारी वाहनों की होती है मरम्मत
लोगों ने कहा कि बस पड़ाव शुरू नहीं होने के कारण यहां भारी वाहनों का मरम्मत का कार्य होता है.बस आइटीआइ मोड़ के पास रुकती है और आगे निकल जाती है. कहा कि वित्तीय वर्ष 15-16 और 16-17 में दो बार इसकी बंदोबस्ती की गयी. पहली बार 17 लाख और दूसरी बार 19 लाख में इसकी बंदोबस्ती की गयी जबकि साल 18-19 के लिए 21 लाख में बस पड़ाव की बंदोबस्ती की गयी है. इसके बाद तीन लाख रुपये में 2024 तक बंदोबस्ती हुई. 2024 से 27 तक प्रति वार्षिक 36 लाख रुपये में बंदोबस्ती हुई. 2024 से निगम की राजस्व की बढ़ोत्तरी हुई है, लेकिन बस पड़ाव बनाने की दिशा में कार्य नहीं हो रहा है. ठेकेदार बस पड़ाव के नाम से चास के धर्मशाला मोड़ और आइटीआइ मोड़ के पास से टैक्स वसूली करते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

