बोकारो, बीएसएल के इडी वर्क्स चितरंजन महापात्रा ने कहा कि ओडिशा अपनी उन्नत संस्कृति, कला, भाषा, साहित्य की उत्कृष्टता के कारण देश-विदेश में प्रतिष्ठित हुआ. एक अप्रैल को हीं भाषा के आधार पर तत्कालीन बिहार व ओडिशा प्रदेश का विभाजन हुआ था. भाषा के आधार पर देश के प्रथम राज्य के रूप में स्वतंत्र ओडिशा राज्य का गठन हुआ था. ओडिशा स्थापना दिवस पर मंगलवार को जगन्नाथ मंदिर सेक्टर चार में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में श्री महापात्रा बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में बोकारो स्टील सिटी के लोग ओडिशा की गाैरवशाली सांस्कृतिक विरासत से परिचित हुए.
कलाकारों ने दी प्रस्तुति
सांस्कृतिक संध्या में ओडिशा सरकार की ओर से प्रायोजित नृत्य ज्योति डांस अकाडेमी-कटक के कलाकारों ने ओडिशी व संगीतम-पुरी के कलाकारों ने लोकनृत्य की प्रस्तुति दी, जिसे सभी लोगों ने खूब पसंद किया. बोकारो का ओडिया समाज, उत्कल सेवा समिति के माध्यम से मंदिर परिसर में प्रत्येक वर्ष उत्कल दिवस पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाता है. उत्कल सेवा समिति बोकारो के अध्यक्ष डॉ जीएन साहू व सचिव डॉ यू मोहंती ने कार्यक्रम में ओडिशा की संस्कृति, भाषा, खान पान आदि की जानकारी दी.गीता भवन में 10 अप्रैल तक हस्त-निर्मित कलाकृतियां प्रदर्शित
उत्कल दिवस अवसर पर ओडिशा राज्य समवाय हस्तशिल्प निगम की ओर से प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है. इसमें हस्त-निर्मित वस्त्र व विभिन्न हस्त-निर्मित कलाकृतियां प्रदर्शित व विक्रय हो रही है. प्रदर्शनी जगन्नाथ मंदिर के गीता भवन में 10 अप्रैल तक रहेगी. इसका उद्घाटन अनीता तिवारी अध्यक्ष, बोकारो महिला समिति ने किया. सांस्कृतिक संध्या व प्रदर्शनी में बोकारो का ओडिया समाज, उत्कल सेवा समिति बोकारो के पदाधिकारी व सदस्य, बीएसएल व प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ-साथ काफी संख्या में शहरवासी उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

