बोकारो, श्री अयप्पा मंदिर सेक्टर पांच में गुरुवार को पहली बार बोकारो में पोंगाला पूजा की शुरुआत हुई, जो केरल के आट्टुकाल देवी मंदिर के पोंगाला पूजा महोत्सव का एक हिस्सा है. इसे बोकारो में श्रद्धा व विश्वास के साथ मनाया गया. पूजा-पाठ में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी के मनोकामना पूर्ण करने, अच्छे स्वास्थ्य व खुशहाली के लिए प्रार्थना हुई. सर्वप्रथम सुबह 5:30 में प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश की पूजा, वंदना व हवन के बाद आदि पराशक्ति देवी की पूजा हुई. देवी जी के मंदिर में प्रज्ज्वलित दीप से बह्ममश्री मनोज नमबोदरी ने अग्नि पंडारा अडुपू में प्रज्वलित करके वहां उपस्थित 45-50 व्रती महिलाओं को पोंगाला बनाने के लिए दिया. इसे श्रद्धालुओं ने श्रद्धा व विश्वास के साथ नेम-निष्ठा के साथ बनाया. पराशक्ति देवी जी को भोग लगाया. बता दें कि श्री अयप्पा पब्लिक स्कूल के नये प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष पी राजगोपाल के निर्देशानुसार महासचिव इएस सुशीलन द्वारा पूजा की शुरुआत की गयी है.
नये चावल, गुड़ व नारियल से मिट्टी के कलश में बनाया जाता है पोंगाला
पोंगाला नये चावल, गुड़ व नारियल से मिट्टी के कलश में बनाया जाता है, इसलिए इसे पोंगाला कहते हैं. लोग यह त्योहार भगवती को धन्यवाद देने, अपनी मनोकामनाएं पूरी करने व उनका आशीर्वाद हमेशा प्राप्त करने के लिए मनाते हैं. इसका भोग सृष्टि की पालनहार देवी को लगाकर व प्रसाद का वितरण होता है. प्रसाद ग्रहण करने के लिये मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी.
भक्तिमय हुआ माहौल
पूजा-पाठ कार्यक्रम में 100-150 लोग सम्मिलित हुए. इससे माहौल भक्तिमय हो गया. मुख्य रूप से अय्यप्पा सेवा संघम के उपाध्यक्ष शशि करात व संघम के अन्य सदस्य बी शाजिन, बाबू राज के साथ संघम के पूर्व अध्यक्ष सतीश नायर, पूर्व महासचिव डी शशि कुमार व श्री अयप्पा पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल पी शैलजा जयकुमार उपस्थित थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है