35.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मिथिला के पावनि इ कोजगरा, बांटू पान मखान यौ…

बोकारो: मिथिला सांस्कृतिक परिषद् की ओर से शनिवार की शाम को मिथिलांचल का पारंपरिक ‘कोजागरा उत्सव’ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ मनाया गया. सेक्टर 4इ स्थित मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित इस उत्सव का उद्घाटन परिषद् के अध्यक्ष विजय कुमार झा, महासचिव हरिमोहन झा, रामाधार झा, कौशल कुमार राय आदि ने किया. महासचिव […]

बोकारो: मिथिला सांस्कृतिक परिषद् की ओर से शनिवार की शाम को मिथिलांचल का पारंपरिक ‘कोजागरा उत्सव’ सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ मनाया गया. सेक्टर 4इ स्थित मिथिला एकेडमी पब्लिक स्कूल के सभागार में आयोजित इस उत्सव का उद्घाटन परिषद् के अध्यक्ष विजय कुमार झा, महासचिव हरिमोहन झा, रामाधार झा, कौशल कुमार राय आदि ने किया.

महासचिव श्री झा ने कहा कि परिषद् इस तरह के आयोजन के माध्यम से नयी पीढ़ी को मिथिला की कला-संस्कृति से जोड़ने के लिए सक्रिय है. सांस्कृतिक कार्यक्रम निर्देशक श्रवण कुमार झा के संयोजन में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत स्थानीय गायक अरुण पाठक ने महाकवि विद्यापति की रचना भगवती आराधना गीत जय-जय भैरवि असुर भयाउनि़… से की. इसके बाद माधव कते तोर करब बड़ाई़…, कोजागरा पर्व की प्रासंगिकता को उजागर करता गीत आयी पूर्णिमा उगल ईजोरिया चकमक चमकय चान यौ, मिथिला के पावनि ई कोजागरा बांटू पान मखान यौ़…’ व अन्य गीत प्रस्तुत किये. सुनीता श्रीवास्तव, बबनजी विश्वकर्मा, विश्वनाथ गोस्वामी व प्रिया राय ने भी गीतों से मिथिलांचल की अनुपम छटा बिखेर दी. इन कलाकारों के साथ तबले पर रुपक कुमार झा ने संगत की.

आयोजन में इनका रहा योगदान : आयोजन में लक्ष्मण झा, हिमांशु कुमार झा, अनुपम कुमार आदि की अहम भूमिका रही. मौके पर गणेशचंद्र झा, केसी झा, अमरेंद्र कुमार झा, शंभु झा, गोविंद झा, शैलेंद्र मिश्र, अमन कुमार झा, विजय कुमार झा समेत काफी संख्या में मैथिली भाषा-भाषी उपस्थित थे. आगंतुकों के बीच कोजागरा पर मिथिलांचल का प्रसिद्ध प्रसाद मखान, पान व मिष्ठान वितरित किया गया.

रागात्मक जीवन की शुरुआत का त्योहार : मिथिलांचल में आश्विन पूर्णिमा के दिन ‘कोजागरा’ उत्सव मनाने की परंपरा प्राचीन काल से रही है. इस दिन लक्ष्मी पूजा और रात्रि जागरण किया जाता है. विशेष रूप से नव विवाहित युवकों के यहां कोजागरा उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस पर्व में मधुर और मखान का विशेष महत्व होता है. कई जगह देवी लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है और मेले का भी आयोजन किया जाता है. कोजागरा नवविवाहिताओं के रागात्मक जीवन के शुरुआत का त्योहार है. कोसी सहित मिथिला में इस पर्व का विशेष महत्व है. शादी के पहले साल नवविवाहितों के घर लड़की पक्ष की ओर से मधुर, मखान, पान आदि आता है. साथ ही वर पक्ष के लोगों के लिए वस्त्र भी देने की परंपरा है. संध्या समय कोजागरा पूजन किया जाता है, जिसमें आसपास के लोगों को बुलाया जाता है.

कौड़ी-पचीसी खेलने की विधि : पूजा के बाद लोगों के बीच मधुर मखान का वितरण किया जाता है. कोजागरा की रात जुआ और ताश खेलने की परंपरा भी है. नव विवाहित वर को भार लेकर आने वाले अपने साला के साथ कौड़ी-पचीसी खेलने की विधि भी पूरी करनी पड़ती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें