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निर्दोष लक्ष्मण जेल से रिहा : 16 दिसंबर को प्रभात खबर में छपी थी खबर

गोमिया : बुधवार की सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर हजारीबाग से लखन गोप ने प्रभात खबर संवाददाता को फोन किया-‘‘सर, मेरे पिताजी जेल से बाहर आ गये.’’ जी हां, दो महीने-10 दिन से जेल में बंद बोकारो जिले के गोमिया के स्वांग निवासी निर्दोष लक्ष्मण गोप रिहा हो गये. मंगलवार को ही हजारीबाग कोर्ट […]

गोमिया : बुधवार की सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर हजारीबाग से लखन गोप ने प्रभात खबर संवाददाता को फोन किया-‘‘सर, मेरे पिताजी जेल से बाहर आ गये.’’ जी हां, दो महीने-10 दिन से जेल में बंद बोकारो जिले के गोमिया के स्वांग निवासी निर्दोष लक्ष्मण गोप रिहा हो गये.
मंगलवार को ही हजारीबाग कोर्ट से लक्ष्मण गोप की रिहाई का आदेश जेल प्रबंधन को मिला था, लेकिन शाम हो जाने की वजह से जेल प्रबंधन ने बुधवार की सुबह लक्ष्मण गोप को रिहा किया. पिता लक्ष्मण गोप को लेकर उसका बेटा लखन खुशी-खुशी अपने घर लौट आया. जिस घर में चार महीने से मातम पसरा था, वहां बुधवार को खुशियों की लहरें दिखी. लक्ष्मण गोप की मां, पत्नी और बच्चे के अलावा पूरे गांव-टोला के लोग भावुक हो उठे.
इंसाफ की लड़ाई की पूरी कहानी : तीन साल पहले वर्ष 2013 में हजारीबाग जिले के चौपारण थाना की पुलिस ने चोरी का कोयला लदा एक ट्रक जब्त किया. पुलिस ने ड्राइवर के बयान पर अपनी रिपोर्ट तैयार की.
सात लोगों को पूरे मामले में आरोपी बनाया गया. इन आरोपियों में एक नाम बोकारो जिला के गोमिया थाना क्षेत्र के रहनेवाले लक्ष्मण यादव का भी था. चौपारण थाना की पुलिस की रिपोर्ट में लक्ष्मण यादव नामक आरोपी के संबंध में बस इतनी ही सूचना थी कि वह बोकारो जिले के गोमिया थाना क्षेत्र में रहता है. आरोपी लक्ष्मण यादव का पता क्या है? उसके पिता का क्या नाम है? इस तरह की सूचनाएं चौपारण थाना की पुलिस की रिपोर्ट में नहीं थी.
अब केस डिस्पोजल कर चार्जशीट दाखिल करने के लिए पुलिस को गोमिया थाना क्षेत्र के लक्ष्मण यादव को गिरफ्तार करना था. पुलिस ने कानूनी तौर पर अपनी कार्रवाई की. लेकिन असली आरोपी लक्ष्मण यादव के बदले पुलिस ने निर्दोष लक्ष्मण गोप को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया. इसके बाद आइआइटी में पढ़ने वाला निर्दोष लक्ष्मण गोप का बेटा लखन इंसाफ के लिए दर-दर भटकने लगा. पूर्व विधायक माधव लाल सिंह के पास कई बार अपनी फरियाद लेकर गया. पूर्व विधायक ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी थी.
बार-बार हजारीबाग और बोकारो के वरीय पुलिस अधिकारियों को फोन पर निर्दोष को इंसाफ दिलाने की बात कर रहे थे. लेकिन कहीं से किसी तरह का कोई इंसाफ निर्दोष लक्ष्मण गोप को मिलता दिखायी नहीं दे रहा था. दूसरी तरफ लक्ष्मण गोप का परिवार असली आरोपी लक्ष्मण यादव के संपर्क में था. असली आरोपी लक्ष्मण यादव की तरफ से झूठे आश्वासन परिवारवालों को मिल रहे थे. मामले की जानकारी प्रभात खबर को मिली.
इधर, स्वांग दक्षिणी के वर्तमान मुखिया धनंजय सिंह ने लखन गोप का सारा मामला और उससे जुड़े कागजात प्रभात खबर को उपलब्ध कराये. कागजातों को अच्छी तरह से जांचने के बाद प्रभात खबर ने खुद असली आरोपी लक्ष्मण यादव से बात की. इससे जुड़ी खबर प्रभात खबर, रांची संस्करण में 16 दिसंबर और बोकारो संस्करण में 17 दिसंबर को प्रकाशित हुई.
राजकुमार यादव ने विधानसभा में मामला उठाया : प्रभात खबर, रांची में खबर छपने के बाद विधायक राजकुमार यादव ने मामला विधानसभा में उठाया. प्रभात खबर की खबर और विधानसभा में मामला उठने के बाद हजारीबाग और बोकारो जिले की पुलिस रेस हुई. बोकारो एसपी के निर्देश पर 17 दिसंबर को तेनुघाट एसडीपीओ नीरज कुमार पूरी टीम के साथ लक्ष्मण गोप के घर पहुंचे.
मामले का सच जाना. इधर, हजारीबाग के एसपी के निर्देश पर बरही के अनुमडंल पुलिस पदाधिकारी एवं चौपारण के थाना प्रभारी भी मामले की जांच करने स्वांग पहुंचे. हजारीबाग के चौपारण थाना के थाना प्रभारी सुरेश राम अपनी टीम के साथ पहुंचे. लोगों से गवाही ली गयी. आस-पास के लोगों ने पुलिस टीम को बताया कि लक्ष्मण गोप निर्दोष है. कुछ दिनों के अंतराल में बरही डीएसपी दो बार गोमिया पहुंचे.
असली अरोपी लक्ष्मण यादव के घर दबिश भी दी गयी. लेकिन वो नहीं मिला. इस बीच हजारीबाग पुलिस ने लक्ष्मण गोप के निर्दोष होने के सारे सबूत जमा कर लिए थे. हजारीबाग पुलिस ने अपनी रिपोर्ट हजारीबाग कोर्ट को सौंपी. पुलिस की रिपोर्ट में बताया गया कि ‘पुलिस ने गलत आरोपी लक्ष्मण गोप को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि असली आरोपी लक्ष्मण यादव आजाद घूम रहा है.’ नये साल की छुट्टियां होने की वजह से कोर्ट की कार्रवाई में देर हुई. लेकिन आखिरकार इंसाफ का दिन आ ही गया. बुधवार को लक्ष्मण गोप को जेल से रिहा कर दिया गया.
‘‘प्रभात खबर के कारण ही मैं जेल से रिहा हो सका. झूठे मामले में दो महीना, 10 दिन जेल में रहना पड़ा. मैं गोमिया के पूर्व विधायक माधवलाल सिंह का भी आभारी हूं, जो लगातार मेरे बेगुनाह होने की बात उच्चाधिकारियों के पास उठाते रहे. विधानसभा में मामला उठाने के लिए मैं विधायक राजकुमार यादव का भी आभारी हूं.
लक्ष्मण गोप, जेल से रिहा होने के बाद

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