विनोद सिन्हा, चंद्रपुरा : ऊर्जा मंत्रालय से स्वीकृति मिलने के बाद चंद्रपुरा में नया पावर प्लांट लगाने को लेकर डीवीसी मुख्यालय स्तर पर प्रक्रियाएं पूरी की जायेंगी. स्थानीय प्रबंधन को भी कई तरह के काम करना है. प्लांट लगाने को लेकर जमीन सर्वे व भूमि का टोपोग्राफिकल (स्थलाकृति) सर्वे किया जा चुका है. चंद्रपुरा में डीवीसी की लगभग 1900 एकड़ जमीन है, जिस पर प्लांट व आवासीय कॉलोनियां हैं. दो यूनिट वाला अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल प्लांट लगाने के लिए लगभग 450 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ सकती है. पूर्व में यहां 800 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट के लिए जमीन सर्वे का काम किया गया है. हटा दिये गये सबसे पुराने प्लांट की जगह और उससे सटे डी टाइप आवासीय कॉलोनी क्षेत्र को मिला कर प्लांट लगाये जाने की संभावना है. हालांकि मुख्यालय स्तर से अभी प्लांट निर्माण को लेकर डीपीआर बनायी जायेगी. मुख्यालय का इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट इस पर काम कर रहा है. चंद्रपुरा के लिए अच्छी बात यह है कि नया प्लांट लगने से कई लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
सभी संसाधन हैं उपलब्ध
वर्तमान में चंद्रपुरा में 500 मेगावाट की दो यूनिट वाले प्लांट से उत्पादन हो रहा है. प्रस्तावित नये प्लांट के लिए यहां सभी संसाधन उपलब्ध हैं. ब्राउन फील्ड होने के कारण यहां प्लांट लगाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. बगल में बहने वाले दामोदर नदी से पानी और बेरमो व धनबाद कोयला क्षेत्र से कोयला मिल जायेगा. चंद्रपुरा में बनने वाला नया प्लांट डीवीसी व कोल इंडिया के ज्वाइंट वेंचर में बनाया जाना है, जिसकी लागत लगभग 16425 करोड़ रुपये है.
चंद्रपुरा में नया प्लांट लगाये जाने को लेकर मिली मंजूरी सभी के लिए खुशी की बात है. इससे चंद्रपुरा का भविष्य उज्ज्वल होगा. यहां के लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा.वीएन शर्मा, वरीय महाप्रबंधक सह परियोजना प्रधान, सीटीपीएस
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