बोकारो : राजधानी के व्यवसायी सुमित चटर्जी की हत्या करने की तैयारी थी, लेकिन रामगढ़ पुलिस की सक्रियता से बड़ी अनहोनी होने से बच गयी. इस सिलसिले में रांची आ रहे तीन अपराधियों को ऐन वक्त पर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार अपराधियों में पतरातू का रंजीत साव, पिठोरिया का असलम उर्फ बाबू अंसारी और बोकारो के ललपनिया का अब्दुल रहमान शामिल है. इनमें दो अपराधी रंजीत और अब्दुल रांची के बूटी मोड़ से गिरफ्तार किये गये. वहीं असलम को ललपनिया से गिरफ्तार किया गया. अपराधियों के पास से नाइन एमएम की दो पिस्टल के साथ एक कट्टा भी बरामद किया गया है.
अरगोड़ा का धर्मेंद्र है मास्टर माइंड : गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को बताया कि हत्या की साजिश रचनेवाला रांची के अरगोड़ा स्थित अशोक नगर का धर्मेंद्र सिन्हा है. धर्मेंद्र सिन्हा ने ही रामगढ़ के एक साइड इलाके में किराये पर फ्लैट लेकर चार-पांच अपराधियों को ठहराया था. धर्मेंद्र सिन्हा लीकर के सिंडिकेट से जुड़ा बताया जाता है.
पुलिस को सूचना मिली है कि उसका गैंगस्टर सुजीत सिन्हा से पुराना संबंध है. अभी तक धर्मेंद्र सिन्हा की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है. उसके गिरफ्त में आने के बाद ही खुलासा होगा कि वह व्यवसायी सुमित चटर्जी को क्यों मरवाना चाहता है?
बोकारो के ही ललपनिया निवासी मनीष उर्फ पंकज नामक अपराधी को भी पुलिस तलाश रही है. इसने ही जमशेदपुर से चार हथियार व कारतूस लाकर रामगढ़ में अपराधियों को मुहैया कराया था.
रिम्स के पास चाय दुकान चला रहा था रंजीत साव :
रंजीत साव का पुराना अापराधिक इतिहास है. मूल रूप से वह पतरातू का रहनेवाला है. नवंबर 2016 में रांची के बिरसा केंद्रीय कारा, होटवार से निकलने के बाद यह रिम्स के समीप चाय दुकान चला रहा था. जेल में रहने के दौरान ही उसका पंकज उर्फ मनीष से संपर्क हुआ था. पंकज के खिलाफ भी पहले से कई मामले चल रहे हैं.