लुगू की तलहटी में सड़क बना रही कंपनी को पहुंचाया नुकसान
महुआटांड़/ललपनिया : लुगू की तलहटी में निर्माणाधीन पिंडरा-टूटी झरना सड़क के बीच के जंगल में कैरा झरना के पास शुक्रवार सुबह नक्सलियों ने जम कर तांडव मचाया. नक्सलियों ने यहां सड़क निर्माण में लगी कंपनी की जेसीबी, ट्रैक्टर और बाइक को आग के हवाले कर दिया और मुंशी रमेश मांझी (48) की गोली मारकर हत्या कर दी. घटनास्थल से तीन खोखा बरामद हुए. घटना से क्षेत्र में दहशत है. पुलिस को नक्सली कमांडर मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो उर्फ बड़का दा के दस्ते पर शक है. सूचना के बाद एसडीपीओ व एएसपी अभियान जवानों के साथ पिंडरा पहुंच गये. सड़क निर्माण एजेंसी रांची की सदानंद गुप्ता इंफ्रास्ट्रक्चर है.
एसडीपीओ अंजनी अंजन ने बताया कि यह नक्सली घटना प्रतीत हो रही है. अब इसके पीछे का मकसद जांच के बाद ही पता चलेगा. मृतक रमेश मांझी की बाइक जलायी गयी है. जला ट्रैक्टर भी उसी का था और खुद उसकी हत्या की गयी. विभिन्न बिंदुओं पर नजर है. हालांकि, जेसीबी भी जलायी गयी है. एक बड़ी वजह लेवी भी हो सकती है. सब कुछ जांच के बाद पता चल सकेगा. एएसपी अभियान उमेश कुमार ने कहा कि मिथिलेश दस्ता का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.कार्यरत मजदूरों को भगाकर सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या की गयी है. घटना की पूरी छानबीन के बाद ही कुछ पता चलेगा.
मजदूरों को कर दिया गया किनारे : बताया जाता है कि कुछ दिन पहले ही नक्सली कमांडर मिथिलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो क्षेत्र में लौटा है. आहट की सूचना पर पुलिस व सीआरपीएफ बीते दिनों सर्च अभियान भी चला रहे थे. कार्यरत मजदूरों के मुताबिक, सुबह में नक्सली कैरा झरना के कुछ मीटर आगे सड़क की जारी ढलाई के पास आ धमके.
मजदूरों को भगा दिया और पिंडरा निवासी मुंशी रमेश मांझी को पकड़ कर गोली मार दी. पुलिस के अनुसार करीब तीन-चार गोलियां उसे मारी गयी हैं. उसकी बाइक भी आग के हवाले कर दी. गोली मारने से पहले रमेश के साथ मारपीट की भी बात की जा रही है. जलाया गया सीमेंट लदा ट्रैक्टर भी रमेश मांझी का ही था. ट्रैक्टर अनलोड होना था. सूचना मिलते ही चार किमी दूर पिंडरा स्थित रमेश मांझी के घर के लोग व ग्रामीण जुट गये.
घटनास्थल पर पैदल पहुंचे एसडीपीओ
सूचना पर एसडीपीओ बेरमो अंजनी अंजन व एएसपी अभियान उमेश कुमार जवानों के साथ पिंडरा पहुंचे और वाहनों को छोड़ कर सतर्कता के साथ पैदल घटनास्थल पर पहुंचे. वहां स्थिति भयावह थी. ट्रैक्टर और जेसीबी से आग की लपटें निकल रही थीं. बाइक जल कर खाक हो चुकी थी. ठीक सामने खून से लथपथ रमेश की लाश पड़ी थी.
सतर्कता के साथ इलाके की छानबीन करने के बाद शव को ऑटो बुलवाकर लोड कराया गया और गोमिया थाने ले जाया गया. सीआरपीएफ बलों को भी बुला लिया गया था और लुगू व जिनगा पहाड़ी के आसपास सर्च अभियान तेज कर दिया गया. बता दें कि मृतक रमेश मांझी ने दो शादी की थी. दोनों पत्नियां घटनास्थल पहुंची थीं.
बीते वर्ष दनिया में दिया था घटना को अंजाम
नक्सली मिथिलेश सिंह का दस्ता ऐसी घटनाओं को अंजाम देने में माहिर बताया जाता है. ऐसी घटना उसकी पहचान बन चुकी है. शुक्रवार की घटना के पहले बीते वर्ष 31 अगस्त को शाम ढलते ही दनिया में निर्माणाधीन रेलवे लाइन दोहरीकरण कार्य में लगी पोकलेन मशीन, लेबर शेड, मिक्स्चर मशीन आदि को आग के हवाले कर दिया गया था.