बोकारो : सेल कर्मियों के वेज रिवीजन की मांग और पब्लिक सेक्टर को बेचने के खिलाफ आठ जनवरी को इस्पात सेक्टर में देशव्यापी हड़ताल की जायेगी. यह निर्णय भिलाई में 24 नवंबर से आयोजित तीन दिवसीय स्टील वर्कर्स फेडेरेशन ऑफ इंडिया (सीटू) के अखिल भारतीय सम्मेलन में लिया गया.
सम्मेलन में आउट सोर्सिंग, मजदूरों के शोषण, ठेका मजदूरों के न्यूनतम वेतन का मुद्दा भी उठा. सम्मेलन में बोकारो से इस्पात मजदूर मोर्चा (सीटू) के महामंत्री बीडी प्रसाद, संगठन मंत्री राजकुमार गोराई, केएन सिंह, अनिल सिंह, आरएन सिंह, ललन कुमार सिन्हा, रामानंद सिंह, सुधीर महतो, मोती मांझी, मनीलाल मांझी, सुरेश साव सहित 56 यूनिटों के ट्रेड यूनियन लीडर शामिल हुए.
संगठन मंत्री राजकुमार गोराईं ने बताया कि सम्मेलन में प्रस्ताव पास किया गया कि सेल में वेतन समझौते के लिए लगभग 34 महीने बीत गये हैं. इसके बाद भी किसी भी तरह की बात नहीं हो पा रही है. इससे मजदूरों में आक्रोश है. सम्मेलन में बीएसएल सहित सेल कर्मियों ने वेतन समझौता व अपनी सुविधा बढ़ाने की मांग फेडरेशन के सामने रखी. इधर, वीआइएसएल की ओर से कर्मियों ने अपने संयंत्र को बचाने के लिए फेडरेशन से लड़ाई को तेज करने की मांग की.
साथ ही सेलम, भद्रावती स्टील प्लांट, दुर्गापुर को बचाने के लिए हर संभव लड़ाई लड़ने की मांग मजदूरों ने उठायी. इस पर विस्तार से चर्चा हुई. श्री गोराई ने बताया कि बोकारो स्टील प्लांट सहित सेल की लगभग सभी यूनिटों में कई सारे ऐसे विभाग हैं, जिसका टुकड़ों में निजीकरण किया जा रहा है.
साथ ही उन्होंने एसीटी-ओसीटी को ट्रेनिंग पीरियड जोड़ने व पदनाम पर कार्य करने की बात कही. इसके लिए सेल मैनेजमेंट ने एक सब कमेटी बनायी थी, लेकिन एक मीटिंग होकर उस कमेटी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. फेडरेशन से मांग की गयी है कि हस्तक्षेप कर इस मांग को जल्द से जल्द पूरा किया जाये.