सुनील तिवारी, बोकारो : बीएसएल कर्मियों को दुर्गा पूजा में बोनस नहीं मिलेगा. दुर्गा पूजा का काउंट डाउन शुरू हो गया है. 29 सितंबर को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू हो रहा है. लेकिन, बोनस को लेकर नयी दिल्ली में एनजेसीएस की बैठक 03 अक्तूबर को बुलायी गयी है.
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बीएसएल कर्मियों को दुर्गा पूजा में नहीं मिलेगा बोनस!
सुनील तिवारी, बोकारो : बीएसएल कर्मियों को दुर्गा पूजा में बोनस नहीं मिलेगा. दुर्गा पूजा का काउंट डाउन शुरू हो गया है. 29 सितंबर को कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू हो रहा है. लेकिन, बोनस को लेकर नयी दिल्ली में एनजेसीएस की बैठक 03 अक्तूबर को बुलायी गयी है. मतलब, कर्मियों के बोनस […]
मतलब, कर्मियों के बोनस पर तीन अक्टूबर को मुहर लग सकती है. अमूमन, ऐसा होता नहीं है. और अगर हो भी गया तो जब तक बोनस का पैसा कर्मियों के खाते में आयेगा, तब तक पूजा समाप्त हो जायेगा. दशहरा 08 अक्तूबर को हैं.
दुर्गा पूजा की तैयारी सात-दस दिन पहले से ही शुरू हो जाती है. इसलिए कर्मियों के बीच बोनस का भुगतान अमूमन पूजा के पहले ही कर दिया जाता है. लेकिन, इस बार इसकी संभावना कम दिख रही है.
उधर, बोनस को लेकर बाजार भी तैयार रहता है. लेकिन, बोनस को लेकर होने वाली बैठक की तिथि को लेकर बाजार भी सुस्त पड़ा हुआ है. कारण, पूजा के पहले कर्मियों के खाते में बोनस का पैसा आने की संभावना कम दिख रही है.
2019-20 का एक्सग्रेशिया (बोनस) का फैसला : बोनस को लेकर एनजेसीएस बैठक की तारीख 03 अक्तूबर को तय कर दी गयी है. इसी दिन वर्ष 2019-20 का एक्सग्रेसिया (बोनस) का फैसला लिया जायेगा. एनजेसीएस कोर ग्रुप की बैठक नई दिल्ली में होने जा रही है.
बैठक में पांच एनजेसीएस यूनियन (एटक, इंटक, सीटू, एचएमएस व बीएमएस) के दो-दो सदस्य बैठक में शामिल होंगे. बोकारो इस्पात कामगार यूनियन ‘एटक’ के महासचिव रामाश्रय प्रसाद सिंह ने बताया : बैठक में बोनस की राशि तय की जायेगी. यूनियन ने तैयारी कर ली है.
यूनियन नेताओं ने पहले ही जतायी थी आपत्ति : वर्ष 2019 के बोनस को लेकर कर्मचारियों के बीच काफी जद्दोजहद भी हो रही है. 29 सितंबर से दुर्गा पूजा शुरू हो रहा है. और बैठक तीन अक्टूबर को बुलायी गयी है. इस पर यूनियन नेताओं ने पहले ही आपत्ति जतायी थी.
यूनियन ने प्रबंधन से कहा था कि 25 सितंबर तक बैठक बुला लीजिए, ताकि पूजा के पहले बोनस बैंक खाता में पहुंच जाये. बोनस को पूजा के बीच में या पूजा के आखिरी में देने का प्रयास हो रहा था, लेकिन अब पूजा के बाद ही पैसा मिल पायेगा. इसकी संभावना अधिक है.
प्रतिकूल असर पड़ेगा कर्मियों पर : दुर्गा पूजा में बोनस नहीं मिलने का प्रतिकूल असर कर्मियों के मनोबल पर पड़ेगा, जो बीएसएल सहित सेल के किसी भी इकाई के हित में नहीं है. कारण, बीएसएल सहित सेल कर्मी बोनस की राशि का इंतजार साल भर करते हैं.
बोनस की राशि से घर व परिवार के लिए विशेष रूप से खरीदारी की जाती है. दूसरी ओर, सेल प्रबंधन का तर्क है कि सेल के डायरेक्टर 26 सितंबर से विभिन्न बैठकों में अलग-अलग स्थानों में व्यस्त हैं. इसी कारण इस दौरान दिल्ली में बैठक हो पाना संभव नहीं है.
मंदी में भी उत्पादन व उत्पादकता में काफी वृद्धि
विषम परिस्थितियों में भी सेल ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में हॉट मेटल, क्रूड स्टील व विक्र य योग्य स्टील का उत्पादन क्रमश: 17.513, 16.246 व 15.069 मिलियन टन किया है.
शुद्ध मुनाफा 2179 करोड़ रु पये अर्जित किया है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में जब पूरे विश्व में मंदी का दौर है, तब भी सेल ने पहली तिमाही के दौरान भी उत्पादन व उत्पादकता में काफी वृद्धि हुई है. यही कारण है कि कर्मी बोनस की ओर टकटकी लगाये बैठे हैं. कर्मियों की डिमांड है कि बोनस की राशि सम्मानजनक हो.
13 हजार रुपया से अधिक बोनस की डिमांड
वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले तिमाही में हॉट मेटल, क्रूड स्टील व विक्र य योग्य स्टील का उत्पादन क्रमश: 4.323, 3.930 व 3.653 मिलियन टन किया है. सेल ने शुद्ध मुनाफा 69 करोड़ अर्जित किया है. कर्मचारियों के अथक प्रयासों से उत्पादन, बिक्र ी व मुनाफे में निरंतर सुधार हुआ है.
बीएसएल में वर्ष 2018 में कर्मियों को 13 हजार रुपया बोनस मिला था. कर्मियों की डिमांड है कि गत वर्ष से अधिक राशि इस बार बोनस के रूप में मिलना चाहिए. यूनियन भी मजदूरों की डिमांड के साथ हैं.
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