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ललपनिया : बीमार पत्नी को सात किमी खाट पर टांगकर इलाज के लिए लेकर पहुंचा झुमरा

हाल झुमरा पहाड़ के सिमराबेड़ा गांव का नागेश्वर, ललपनिया गोमिया प्रखंड के उग्रवाद व अति पिछड़ा क्षेत्र पचमो पंचायत के झुमरा पहाड़ के निकट सिमराबेड़ा गांव में रात में एक आदिवासी महिला की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद महिला के पति ने ग्रामीणों के सहयोग से उसे खाट पर लादकर सात किलोमीटर दूर झुमरा पहुंचाया. […]

हाल झुमरा पहाड़ के सिमराबेड़ा गांव का

नागेश्वर, ललपनिया

गोमिया प्रखंड के उग्रवाद व अति पिछड़ा क्षेत्र पचमो पंचायत के झुमरा पहाड़ के निकट सिमराबेड़ा गांव में रात में एक आदिवासी महिला की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद महिला के पति ने ग्रामीणों के सहयोग से उसे खाट पर लादकर सात किलोमीटर दूर झुमरा पहुंचाया. वहां से एंबुलेंस की सहायता से अस्‍पताल ले जाया गया.

उस गांव में आवागमन के लिए पथ भी नहीं है. ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से शुरू एंबुलेंस को भी उस गांव में नहीं बुलाया जा सकता है. गांव से झुमरा की दूरी सात किलोमीटर और चतरोचटी की दूरी 15 किलोमीटर है. इन दोनों जगहों पर सड़क की व्‍यवस्‍था है और एंबुलेंस वहां तक आ सकता है.

ग्रामीण लगभग 11 बजे रात में महिला को लेकर झुमरा पहुंचे, जहां से 108 एंबुलेंस को बुलाया गया लेकिन एक घंटा बीत जाने के बाद भी एंबुलेंस झुमरा पहाड़ नहीं पहुंचा. इसके बाद स्‍थानीय लोगों की सहायता से बीमार महिला को अस्‍पताल पहुंचाया गया. बीमार महिला का नाम छोटकी देची, पति छोटे लाल मांझी है. स्थानीय लोगों की सहायता से छोटे लाल ने एक गाड़ी भाड़े पर ली और अपनी पत्‍नी को हजारीबाग अस्‍पताल पहुंचाया.

ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव तक पथ होता तो ऐसी स्थिति उत्‍पन्‍न नहीं होती. अगर एंबुलेंस नहीं भी पहुंच पाता तो प्राइवेट गाड़ी से मरीजों को अस्‍पताल पहुंचाया जा सकता है. महिला को अस्‍पताल तक पहुंचाने में सामाजिक कार्यकर्ता मनोज पहाड़िया, महेंद्र महतो, अनिल किस्कू आदि ने सहयोग किया.

आपको बता दें कि झुमरा पहाड़ पर दो साल पूर्व ही प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण हुआ है. अभी तक इस भवन को विभाग को हैंडओवर नहीं किया गया है. इसके कारण यहां प्राथमिक चिकित्‍सा की भी कोई व्‍यवस्‍था नहीं है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ हेलेन वारला ने कहा के यहां ममता वाहन भी उपलब्‍ध नहीं है.

ज्ञात हो कि झुमरा पहाड़ से सिमराबेड़ा तक पथ निर्माण के लिए आरइओ के द्वारा निविदा निकाली गयी है. संवेदकों को विभाग के द्वारा कार्यादेश भी मिल गया है, लेकिन वह पथ पूर्वी वन प्रमंडल हजारीबाग के अंतर्गत आता है. वन विभाग ने पथ निर्माण कार्य के लिए अपनी ओर से एनओसी नहीं दिया है. इस संबंध में विभाग के वरीय पदाधिकारी व सरकार के सक्षम पदाधिकारी को जानकारी दी गयी है. विभाग का कहना है कि वन विभाग से एनओसी मिलते ही पथ निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.

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