बोकारो : जय जगन्नाथ, जय जगन्नाथ… कृपा करो हे ! जगन्नाथ… जैसे-जैसे रथ आगे बढ़े, दुनिया का भय व दरिद्र घटे… ऐसे ही उत्साहित भक्ति पंक्तियों के साथ भक्तों ने प्रभु जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बालभद्र का रथ खींचा. शुक्रवार को बहुरा यात्रा के जरिये मौसीबाड़ी (श्रीराम मंदिर-01) से वापस घर (जगन्नाथ मंदिर-04) आये. छेरा पहंरा की रस्म बीएसएल के इडी (पीएंडए) मुकुल प्रसाद ने निभाया. रस्म अदायगी के फौरन बाद पुजारी की ओर से जय-जयकारा का नारा लगाया गया. हर जयकार के साथ श्रद्धालु-भक्तों का उत्साह व विनय देखते ही बन रहा था.
रथ तक प्रभु रूप को पहुंचाने की रस्म निभाने वाली पहंडी यात्रा सुबह 11:30 बजे शुरू हुई. इससे पहले विशेष पूजा अर्चना व आरती की गयी. पहंडी यात्रा के बाद छेरा पंहरा व अन्य प्रयोजन निभाते-निभाते 1:30 बज गये. श्रद्धालुओं ने हर रस्म में हिस्सा लिया. समय व मौसम की परवाह किये बिना हर किसी ने आस्था के सागर में डुबकी लगायी. यात्रा राम मंदिर-01 से पत्थरकट्टा चौक, गांधी चौक, बीजीएच अस्पताल, अंबेदकर चौक होते हुए जगन्नाथ मंदिर-04 पहुंची.