गोमिया : इरादे फौलादी हों, तो जज्बा जुनून का रूप लेकर किसी भी रोड़े को रास्ते में नहीं रहने देते. जन्मांध युवती व युवक ने अपनी दिव्यांगता को धता बताते हुए उच्च शिक्षा हासिल कर बैंकों में नौकरी प्राप्त करने में कामयाबी हासिल की. दोनों परिवारों की रजामंदी के पश्चात सोमवार की रात दोनों गोमिया के होसिर में आदर्श परिणय सूत्र मे बंध गये.
मिली जानकारी के अनुसार गोमिया की होसिर पूर्वी पंचायत निवासी लोचन ठाकुर की पुत्री रीना कुमारी जन्म से ही दोनों आंखों से देख नही पाती थी. माता-पिता पुत्री के भविष्य को लेकर हमेशा चिंतित रहा करते थे. माता-पिता को चिंतित जान रीना हमेशा उन्हें सांत्वना देती कहती थी कि उसके भविष्य के लिए जो कुछ होगा, अच्छा ही होगा. रीना ने स्वयं को दिव्यांग होने का अहसास कभी नही होने दिया. विद्यालय की पढ़ाई में हमेशा अव्वल आने के कारण विद्यालय प्रबंधन के द्वारा प्रायः उसे सम्मानित किया जाता रहा. रीना दिल्ली स्थित पंजाब नेशनल बैंक में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं.
वहीं बिहार राज्य के जहानाबाद निवासी अर्जुन ठाकुर का पुत्र मुन्ना कुमार भी जन्म से ही दोनों आंखों से दिव्यांग है. मुन्ना कुमार दिल्ली स्थित बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं. सोमवार की रात गोमिया के होसिर में दोनों परिवारों की रजामंदी से रीना और मुन्ना शादी के बंधन में बंध गये. इस आदर्श विवाह को देखने के लिए पूरे गांव के लोग लोचन ठाकुर के घर पर पहुंचे तथा रीना एवं मुन्ना को शुभकामनाएं दी.