अपराध व नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बनी रणनीति
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अपराध व नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए बनी रणनीति बोकारो : उग्रवाद व अपराध को समाप्त करने के लिए शुक्रवार को बोकारो के सीमावर्ती जिला के पुलिस पदाधिकारियों की बैठक कैंप दो पुलिस सभागार में हुई. कोयला क्षेत्र के डीआअजी प्रभात कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नक्सल प्रभावित इलाके में तालमेल […]
बोकारो : उग्रवाद व अपराध को समाप्त करने के लिए शुक्रवार को बोकारो के सीमावर्ती जिला के पुलिस पदाधिकारियों की बैठक कैंप दो पुलिस सभागार में हुई. कोयला क्षेत्र के डीआअजी प्रभात कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में नक्सल प्रभावित इलाके में तालमेल के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन बना. उप -चुनाव में सुरक्षा की फुल प्रूफ प्लानिंग की गयी. गोमिया विधानसभा क्षेत्र अति नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक है. चुनाव के दौरान कोई नक्सली घटना न हो इसके लिए रणनीति बनायी गयी.
वहीं नक्सलवाद के साथ-साथ अपराधियों की सूचनाएं भी सभी ने एक दूसरे के साथ साझा किया. वहीं दूसरे राज्य की पुलिस भी समन्वय बना वैसे अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाये जाने की बात हुई, जो अपराध की घटना को अंजाम देने के बाद दूसरे राज्यों में पनाह लेते हैं. बैठक में डीआइजी सीआरपीएफ सुरेश शर्मा, पुरुलिया एसएसपी पुरुलिया धृतमान, हजारीबाग एसपी अनीष गुप्ता, गिरिडीह एसपी सुरेंद्र झा, बोकारो एसपी कार्तिक एस, बेरमो एसडीपीओ सुभाष चंद्र जाट, सीआरपीएफ 26वीं वाहिनी के समादेष्टा अखिलेश कुमार सिंह, 154 बटालियन के समादेष्टा आलोक वीर यादव, एएसपी अभियान संजय कुमार के अलावा सीमावर्ती क्षेत्र के थानेदार व इंस्पेक्टर आदि मौजूद थे.
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डीआइजी प्रभात कुमार ने बताया : उग्रवादियों का सफाया करने के लिए दोनों राज्यों के पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. उन्होंने कहा : जबतक साथ मिलकर काम नहीं किया जायेगा, तब तक नक्सली संगठनों का सफाया करने में परेशानी होगी. इसी को देखते हुए बोकारो जिला के सीमावर्ती जिलों के पुलिस पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी है. जब नक्सलियों व अपराधियों को इधर से खदेड़ा जाता है, तो नक्सली सीमावर्ती राज्य या जिले में शरण ले लेते है. बैठक में पुरुलिया एसएसपी ने बताया : अभी हाल के दिनों में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की गयी है. जिला के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों से किस तरह का सहयोग चाहिए. इसपर भी विचार किया गया. नक्सलवाद, उग्रवाद के साथ ही संगठित अपराध भी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसे देखते हुए पुलिस विभाग की यह बैठक अपराध व नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है.
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