उदय गिरि
फुसरो नगर : कोयला नगरी बेरमो में ने सुबह की सैर-सपाटे है और न ही सुकून भरी शाम की मस्ती है. मनोरंजन का कोई साधन यहां उपलब्ध नहीं है. सुबह और शाम यहां बोरिंग भरी है. सीसीएल की तीन बड़ी एरिया बीएंडके, ढोरी, कथारा के अलावा डीवीसी की सीटीपीएस व बीटीपीएस प्लांट है. यहां की औद्योगिक प्रतिष्ठानें सीएसआर मद में लाखों रुपये प्रतिवर्ष खर्च करती है. बावजूद प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मी व उनके परिजन एक अच्छे खेल मैदान, पार्क व मनोरंजन के अन्य साधनों के लिए तरसते हैं.
नजर आते है. अवकाश के दिनों में मौज-मस्ती के लिए लोग बोकारो-धनबाद शहर जाते हैं. यहां के बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान शहर को सजाने-संवारने के प्रति जिम्मेवार नहीं हैं. कोयलांचल में चारों ओर प्रदूषण की मार है. सुबह मॉर्निग वॉक व शाम को टहलने के लिए भी लोगों को तरसना पड़ता है. बेरमो की प्रदूषण भरी सड़कों पर मॉर्निग वॉक करने के बजाय लोग आसपास के गांवों में सैर करने जाते हैं.
खेल मैदानों का हालत खस्ता
बेरमो में कई खेल मैदान हैं. लेकिन सभी खस्ता हाल है. करगली फुटबॉल मैदान का कुछ भाग सीआइएसएफ भवन के लिए अधिग्रहीत करने के बाद इसे बाद में विस्तार किया गया. लेकिन वह कार्य भी अधूरा है. चहारदीवारी टूटी हुई है. दर्शक दीर्घा टूट गया है. पेयजल की व्यवस्था नहीं है. इसी तरह ढोरी फुटबॉल ग्राउंड भी अतिक्रमण की चपेट में है. मैदान मे गंदे जल का जमाव हो रहा है. वहीं पांच नंबर धौड़ा स्थित मैदान भी अतिक्रमण की चपेट में है.