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मिशनरी सेवा की आड़ में करा रहे धर्म परिवर्तन

बोकारो: मिशनरी सेवा की आड़ में वनवासियों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. इसमें विदेशी शक्ति के साथ-साथ देश की कुछ राजनीतिक ताकत भी काम कर रही है. इनलोगों का ध्येय भारतवर्ष को विश्वशक्ति बनने से रोकना है. यह बात अखिल भारतीय सह जनजाति प्रमुख हित रक्षा प्रमुख ओम प्रकाश अग्गी ने कही. रविवार को […]

बोकारो: मिशनरी सेवा की आड़ में वनवासियों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं. इसमें विदेशी शक्ति के साथ-साथ देश की कुछ राजनीतिक ताकत भी काम कर रही है. इनलोगों का ध्येय भारतवर्ष को विश्वशक्ति बनने से रोकना है. यह बात अखिल भारतीय सह जनजाति प्रमुख हित रक्षा प्रमुख ओम प्रकाश अग्गी ने कही. रविवार को वनवासी कल्याण केंद्र बोकारो की ओर से राष्ट्र शक्ति सम्मेलन का आयोजन किया गया. सेक्टर 04 स्थित मजदूर मैदान में आयोजित कार्यक्रम में 715 गांव के 7150 वनवासियों ने भाग लिया. श्री अग्गी बतौर मुख्य वक्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

श्री अग्गी ने कहा : वनवासी व नगरवासी को बांटने की कोशिश हो रही है. वनवासियों की जमीन हड़पने व उन्हें मुख्य धारा से दूर रखने के लिए साजिश रची गयी है. जबकि महाराणा प्रताप से लेकर महाबली भीम तक की मदद वनवासियों ने की है. भारतीय संस्कृति कोई भेद नहीं करता. कहा : वनवासी कल्याण केंद्र नगरवासी व वनवासी के बीच संपर्क स्थापित कर जागरूकता का काम कर रही है. संसाधनों को गांव तक पहुंचाया जा रहा है. एकल विद्यालय, स्वास्थ्य सेवा, धर्म जागरण, सामूहिक एकता, हित रक्षा, सरकारी योजना का लाभ व अधिकार के प्रति जागरूक कर वनवासियों को मुख्य धारा में शामिल किया जा रहा है.
केंद्र के बोकारो अध्यक्ष पीयूष गोरसिया ने अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर सह संयोजक राजकुमार, स्वागत अध्यक्ष अजय कुमार, स्वागत मंत्री अंजनी कुमार सिन्हा, प्रीत रंजन, सुमन सुहासरिया, हिरेन कुमार, डॉ नरेंद्र कुमार राय समेत कई मौजूद थे.
वनवासी देश के लिए रहे हैं तत्पर : मणिराम
विशिष्ट अतिथि वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्र संगठन प्रमुख मणिराम पाल ने कहा : वनवासी समाज देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहा है. मुगल शासन व अंगरेजी हुकूमत के खिलाफ वनवासियों ने एकता का परिचय दिया है. तिलका मांझी, बिरसा मुंडा जैसे कई उदाहरण है. कहा : वनवासियों को मूल तत्व से जोड़ने की आवश्यकता है. इस दिशा में केंद्र काम भी कर रहा है. कहा : ईसाई मशीनरी
सेवा के नाम पर वनवासियों को हिंदू से अलग करने की साजिश रच रहे हैं. इससे मुक्ति पाने के लिए वनवासियों के सुख-दुख में नगरवासियों को शामिल होना होगा. नगर, ग्राम व वन में रहने वाले सभी भारत माता के सपूत हैं, इस सोच को विकसित करनी होगा.

सरना व सनातन एक है : किसान
लुगु बुरू घंटा बारी दौरमगढ़ ललपनिया के पाहन किसान मुर्मू ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. श्री मुर्मू ने कहा : सरना व सनातन एक हैं. सरना व सनातन दोनों प्राकृतिक के पुजारी हैं. सूर्य, हवा, पृथ्वी, अग्नि व जल जैसे पंच तत्व को दोनों पुजते हैं. दोनों में अंतर का मुखौटा बनाया जा रहा है. धर्म परिवर्तन की साजिश रची जा रही है. इससे बचने की जरूरत है. वनवासी व नगरवासी में संपर्क का ऐसा कार्यक्रम होने से इस साजिश को तोड़ा जा सकता है. कहा : अपनी संस्कृति को बचाने के लिए सभी को आगे आना होगा.
वनवासी कल्याण केंद्र के कारण मेरा वजूद : करण
विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय कोच सह तीर अंदाज करण कुमार कर्मकार ने कहा : मेरा वजूद वनवासी कल्याण केंद्र के कारण है. प्रारंभिक शिक्षा से लेकर तीरंदाजी के क्षेत्र में ख्याति इसी संस्था के कारण मिली. विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाले पेटरवार के दशरथ मांझी, परगना मरांडी व कृष्ण राम बस्की, कसमार के लालमोहन हेंब्रम, चंदनकियारी के धीरेन सरदार व जगदीश उंराव, बिरसा बासा के योगो पूर्ति, कसमार के जितेंद्र कुमार व सुषमा मुर्मू को सम्मानित किया गया. इससे पहले क्रिसेंट पब्लिक स्कूल, गोमिया, चंदनकियारी, कसमार के कलाकारों ने गीत व नृत्य प्रस्तुत किया.

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