चास: लघु सिंचाई विभाग की ओर से चास प्रखंड क्षेत्र में चिकसिया से लेकर कुम्हरी तक बारामाचा जोरिया पर 13 चेक डैम बनाये गये. इस पर करीब तीन करोड़ रुपये खर्च हुए. निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2005-06 से 2011-12 तक चला. लेकिन, इन चेक डैमों का लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है. अधिकतर चेक डैम में पर्याप्त पानी का ठहराव ही नहीं हो रहा है.
अभी जोरिया में भी काफी कम पानी है. इधर, सिंचाई सुविधा के अभाव में किसानों की करीब दो हजार एकड़ भूमि प्रत्येक वर्ष परती रह जाती है. चेक डैमों के पंप हाउस के नाम पर सिर्फ एक कमरा का निर्माण करा कर छोड़ दिया गया है. किसी भी पंप हाउस में जेनेरेटर और मोटर नहीं लगा है. चेक डैम में गेट तक नहीं लगे हैं. जबकि, संवेदक ने योजना को पूरा दिखा कर राशि की निकासी कर ली.
प्राक्कलन के अनुसार नहीं हुआ निर्माण : एक चेक डैम पर करीब 25 लाख रुपये खर्च किये गये है. चेचकाधाम बड़ा घुटु व हांड़ीतर चेक डैम के निर्माण में एक करोड़ रुपये की लागत आयी. क्षेत्र में बने अधिकतर चेक डैम प्राक्कलन के अनुसार नहीं बने हैं. ग्रामीणों का कहना है कि सिर्फ लूट-खसोट के लिए ही गलत ढंग से चेक डैम का निर्माण करा दिया गया है. इससे इस क्षेत्र के किसी भी किसान को फायदा नहीं मिल रहा है.
पांच हजार एकड़ भूमि को सिंचित करने की थी योजना : चास प्रखंड क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों के किसानों को कृषि के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच किमी में 13 चेक डैम बनाये गये थे. चेक डैम का फायदा मिलता तो पांच हजार एकड़ भूमि को सिंचित किया जा सकता था. बारामाचा जोरिया चिकसिया गांव से निकलती है और सियालगाजरा, कुम्हरी, बेलूट, बेलुंजा, ब्राह्मणद्वारिका, भुईंयाद्वारिका आदि गांवों से गुजरती हुई कुम्हरी चेचकाधाम के पास दामोदर नदी में मिल जाती है.
बारामाचा जोरिया में बने सभी चेक डैम का निरीक्षण किया जायेगा. साथ ही प्राक्कलन की भी जांच की जायेगी. अगर प्राक्कलन के अनुसार काम नहीं किया गया है तो संबंधित विभाग पर कार्रवाई के लिए डीसी को लिखा जायेगा.
कपिल कुमार, बीडीओ, चास
एक भी चेक डैम से किसान का हित नहीं हुआ है. अगर सभी चेक डैम सफल हो जाते तो अच्छा होता. गलत प्राक्कलन के अनुसार चेक डैम का निर्माण कराया गया है.
मोहन गोराईं, कुम्हरी
बारामाचा जोरिया में बने सभी चेक डैम फेल हो गये हैं. इस योजना के नाम पर सिर्फ लूट-खसोट किया गया है. किसी भी चेक डैम में पानी ही नहीं ठहरता है. किसान क्या करें.
रोहित गोप, कुम्हरी
यहां बने किसी भी चेक डैम से किसानों को फायदा नहीं मिल पाता है. जनता के हित में सरकारी योजनाएं बनती है, लेकिन फायदा होता है अधिकारियों व ठेकेदारों को ही.
युधिष्ठिर गोप, कुम्हरी
चेक डैम योजना का फायदा किसानाें को तो नहीं मिला. सही ढंग से चेक डैम नहीं बनने
से ग्रामीण ठगे गये हैं. योजना से सिर्फ अधिकारियों और संवेदक ने ही लाभ उठाया है.
तुलसी महतो, कुम्हरी