बोकारो : स्थानीय लोगों को नकली शराब से मुक्ति दिलाने व सरकार द्वारा तय मूल्य पर शराब उपलब्ध कराने के उद्देश्य से झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा गत अगस्त माह से पूरे राज्य में शराब बेची जा रही है़ लेकिन सरकारी शराब दुकान में फिर से वही मनमानी शुरू हो चुकी है, जो पहले शराब सिंडिकेट द्वारा की जाती थी.
सरकार के इस निर्णय से सिडिंकेट का एकाधिकार तो खत्म हो गया, लेकिन अभी भी लोगों को सरकारी शराब दुकान पर प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत पर शराब मिल रही है. अगर कोई ग्राहक शराब दुकानदार से बिल की मांग करता है, तो उसके साथ शराब दुकानदार दुर्व्यवहार करते है़ ग्राहक के अडिग रहने पर ही दुकानदार बिल तो देते हैं, लेकिन प्रिंट रेट वाला ही बिल उसे दिया जाता है़ कोई भी व्यक्ति शराब दुकान पर हंगामा करना नहीं चाहता है़
इसी बात का फायदा उठाकर सरकारी शराब दुकान के कर्मचारी आम लोगों से ठग रहे है़ं इस बात की पूरी जानकारी उत्पाद विभाग के अधिकारियों को है, लेकिन सरकारी अधिकारी चुप्पी साधे हुए है़ं उत्पाद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिल वाला कॉपी के साथ कोई व्यक्ति साक्ष्य प्रस्तुत करेगा, तभी संबंधित दुकानदार पर कार्रवाई की जायेगी़ इस मामले में विभाग के वरीय अधिकारी भी चुप्पी साधे हुए है़ं
जिला में करीब 3.69 लाख रुपये हर रोज होती है ज्यादा वसूली
एक जुलाई से राज्य में सरकार खुद शराब बेच रही है. खुदरा दुकानों पर शराब बेचने के लिए दो कंपनियों को मैन पावर का जिम्मा दिया गया है. ये कंपनी फ्रंटलाइन और शोमुख है. उक्त कंपनी के कर्मी ही सारे खेल को अंजाम दे रहे हैं. जिले में सरकार ने शराब के 35 खुदरा दुकान खोले हैं. स्थानीय लोगों की शिकायत पर प्रभात खबर के संवाददाता ने इस बात की स्वयं जांच की़ बोकारो शहर के राम मंदिर मार्केट, सिटी सेंटर के दो दुकान, सेक्टर 12 दुंदीबाद के निकट दुकान व सेक्टर नौ के सरकारी शराब दुकान पर तय मूल्य से ज्यादा पर दुकानदार शराब बेच रहे थे़ एक 180 एमएल की बोतल पर 5-7 रुपए. एक 375 एमएल की बोतल पर 10-15 रुपए और 750 एमएल की बोतल पर 20-25 रुपए ज्यादा वसूले जा रहे हैं. इसी आधार पर लोगों से प्रतिदिन वसूले जा रहे अवैध कमाई का हिसाब निकाला गया, तो प्रतिदिन जिले में लगभग तीन लाख 69 हजार की अवैध कमाई लोगों से की जा रही है़ इतना बड़ा गोरखधंधा हो रहा है और विभाग के अधिकारी कहते हैं कि उन्हें पता तक नहीं है.
प्राइस लिस्ट लगाकर ली जा रही है ज्यादा कीमत
सभी शराब दुकान पर प्राइस लिस्ट लगा हुआ है़ इसके बाद भी दुकानदार तय मूल्य से ज्यादा पर खुलेआम शराब बेच रहे है़ बदनामी के डर से कोई भी व्यक्ति शराब दुकान पर हंगामा करना नहीं चाहता है़ इसका फायदा दुकानदार उठा रहे है़ं तय मूल्य से ज्यादा पर शराब बेचने के संबंध में दुकानदार से बात की गयी, तो सभी दुकानदार ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया़
अधिकारियों की चुप्पी कुछ और करती है इशारा
तय कीमत से ज्यादा कीमत पर बेचने से एक शहरी शराब की दुकान को करीब 10 हजार 550 रुपये की अवैध कमाई होती है. ग्रामीण इलाका का भी यही हाल है. बोकारो जिले में शहरी और ग्रामीण इलाकों में 35 सरकारी शराब दुकान है़ इस तरह प्रतिदिन आम लोगों से सरकारी शराब दुकानों के जरिये लगभग तीन लाख 69 हजार रुपये की ज्यादा वसूली की जा रही है़ सरकारी शराब दुकानों में आम लोगों से अवैध वसूली सरकार की इमेज को भी खराब कर रही है़
ऐसे होती है अवैध कमाई
शहर की किसी भी दुकान में एक दिन में लगभग 180 एमएल की 400 बोतल शराबें बेची जाती हैं
लगभग 375 एमएल की 250 बोतलें बेची जाती हैं
लगभग 750 एमएल की 200 बोतलें बेची जाती हैं
तय मूल्य से ज्यादा कीमत पर शराब बेचने की शिकायत कुछ लोगों द्वारा फोन पर दी गयी है़ कोई भी व्यक्ति साक्ष्य के साथ शिकायत नहीं कर रहा है़ जिस कारण दुकानदार पर कार्रवाई नहीं की गयी है़ कई बार विभाग द्वारा दुकानदारों को इस संबंध में चेतावनी दी गयी है़ अब शराब दुकान की औचक जांच की जायेगी़ अधिक मूल्य पर अगर शराब बेचते दुकानदार पकड़े गये, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी़
प्रदीप कुमार सिंह, इंस्पेक्टर, उत्पाद विभाग बोकारो