रांची: 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि (2012-17) में विकास योजनाओं पर निर्धारित खर्च का लक्ष्य पूरा नहीं होगा. सरकार द्वारा तैयार अब तक के योजना आकार के आंकड़ों से यह आशंका जतायी जा रही है.
सरकार ने 11वीं पंचवर्षीय योजना अवधि (2007-12) में विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए 40240 करोड़ रुपये का योजना आकार तय किया था. विकास की गति और तेज करने के उद्देश्य से 11 वीं के मुकाबले 12वीं पंचवर्षीय योजना आकार ढाई गुना बढ़ा दी गयी. सरकार ने कुल 106536.72 करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य तय किया. लक्ष्य पूरा करने के लिए हर वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित योजना आकार तैयार किया. हालांकि, 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले ही वित्तीय वर्ष से राज्य को योजना मद में मिलनेवाली केंद्रीय सहायता कम होने लगी.
इसका प्रभाव विकास कार्यो पर पड़ा. सरकार ने 12 वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के पहले वित्तीय वर्ष 2012-13 में अपने लक्ष्य के बराबर 16300 करोड़ रुपये का योजना आकार तैयार किया, पर केंद्रीय सहायता में 2526 करोड़ रुपये की कमी होने से सरकार को अपना योजना आकार 13774 करोड़ करना पड़ा. 12वीं योजना में निर्धारित लक्ष्य के अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 में राज्य का योजना आकार 19336.78 करोड़ रुपये होना चाहिए था. हालांकि, 2013-14 में केंद्रीय सहायता में हुई कमी के मद्देनजर 16800 करोड़ रुपये का योजना आकार तय किया गया.
यह प्रस्तावित योजना आकार से 2536.78 करोड़ रुपये कम है. इस वर्ष भी अब तक मिली केंद्रीय सहायता के आलोक में योजना आकार 16800 करोड़ रुपये से भी कम होने की आशंका है. सरकार ने 12 वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के तृतीय वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तावित 21025.63 करोड़ के योजना आकार के मुकाबले 18000 करोड़ रुपये का योजना आकार तैयार किया है. इससे इस बात का संकेत मिलता है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में विकास योजनाओं पर खर्च के लिए निर्धारित लक्ष्य पूरा करना संभव नहीं होगा.

