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झारखंड : गिद्दी स्पंज आयरन को बंद कराना चाहते थे कृषि मंत्री योगेंद्र साव

रांची: कृषि मंत्री योगेंद्र साव गिद्दी सी स्थित स्पंज आयरन फैक्टरी को बंद करवाना चाहते थे. इसका खुलासा झारखंड टाइगर ग्रुप के सरगना राजकुमार गुप्ता ने किया. उसने गुरुवार को अदालत में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज करवाया. बयान में कहा गया है कि इलाके में पोस्टर चिपकाने के दूसरे दिन […]

रांची: कृषि मंत्री योगेंद्र साव गिद्दी सी स्थित स्पंज आयरन फैक्टरी को बंद करवाना चाहते थे. इसका खुलासा झारखंड टाइगर ग्रुप के सरगना राजकुमार गुप्ता ने किया. उसने गुरुवार को अदालत में सीआरपीसी की धारा 164 के तहत अपना बयान दर्ज करवाया. बयान में कहा गया है कि इलाके में पोस्टर चिपकाने के दूसरे दिन सुबह राजकुमार गुप्ता ने मंत्री योगेंद्र साव को फोन किया था. मंत्री ने उसे अपने घर पर बुलाया था. इसके बाद वह (राजकुमार गुप्ता) उनके रांची स्थित सरकारी आवास पर गया था.

तब मंत्री योगेंद्र साव ने उससे कहा कि गिद्दी-सी की स्पंज आयरन फैक्टरी को बंद करवाना था, जो तुमने नहीं (राजकुमार) किया. उसने अपने बयान कहा है कि मंत्री योगेंद्र साव ने उससे कहा : स्पंज आयरन फैक्टरी के मालिक को अभी फोन करके बोलो कि फैक्टरी बंद करे.

परिचित था, इसलिए बबलू मुंडा की हत्या नहीं की : अदालत में दिये बयान में राजकुमार गुप्ता ने कहा है कि मंत्री योगेंद्र साव ने टंडवा के उप प्रमुख व कोयला ट्रांसपोर्टर बबलू मुंडा की हत्या करने के लिए कहा था. बदले में सुपारी देने की बात भी कही थी. पर मैंने (राजकुमार गुप्ता) ने बबलू मुंडा की हत्या नहीं की, क्योंकि बबलू मुंडा उसका पुराना परिचित था.

हथियार लेकर भाग गया था दीपू सिंह : राजकुमार गुप्ता ने अपने बयान में कहा है कि संगठन का हथियार लेकर दीपू सिंह (कटकमसांडी थाना क्षेत्र निवासी) भाग गया था. इसके 10-15 दिन बाद मंत्री योगेंद्र साव ने दीपू सिंह को रांची स्थित आवास पर बुलाया था. राजकुमार गुप्ता ने कहा कि वह भी मंत्री के आवास पर गया था. मंत्री योगेंद्र साव ने पूछा था कि यही हथियार ले के भागा था. तब दीपू सिंह ने स्वीकार किया था कि वह हथियार लेकर भागा था.

योगेंद्र के इस्तीफे पर फैसला जल्द
रांची: योगेंद्र साव के इस्तीफे के मामले में सरकार पसोपेश में है. श्री साव पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता रहा है. वहीं सरकार में शामिल अन्य मंत्रियों को लेकर भी सहयोगी दल ही दबाव बढ़ा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि यदि सरकार योगेंद्र साव को हटाती है, तो तारा शाहदेव प्रकरण में रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल से संबंध के आरोप में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान को हटाने पर भी दबाव बढ़ेगा. दूसरी ओर राजद के गिरिनाथ सिंह ने सुरेश पासवान को हटाये जाने का विरोध किया है. इन सारी बातों को लेकर सरकार उलझन में है, जिसके चलते श्री साव के मामले पर फैसला नहीं हो पा रहा है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने सरकार को उचित व विवेक के अनुरूप फैसला लेने पर सहमति दी है.

सहयोगी दलों का दबाव
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के कुछ नेता यह मांग कर रहे हैं कि सरकार योगेंद्र साव के साथ-साथ हाजी हुसैन और सुरेश पासवान को भी हटाये. ताकि चुनाव में जब जायें तो साफ छवि लेकर जायें. दूसरी ओर अन्य सहयोगी दलों का मानना है कि मंत्रियों पर कार्रवाई से सरकार की भद पिटेगी. सरकार की छवि पर असर पड़ेगा. विपक्षी इसे चुनाव में भुनायेंगे. अल्पसंख्यक मंत्री पर कार्रवाई होने से अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी का भय भी सहयोगी दलों को सता रहा है.

एक-दो दिन में फैसला : त्रिपाठी
सरकार के श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि श्री साव पर जांच समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुकी है. रिपोर्ट के अनुरूप ही फैसला होगा. इसमें दोनों पक्षों को देखा जायेगा. एक से दो दिनों में इस मुद्दे पर निर्णय ले लिया जायेगा.

आलाकमान कहे तो इस्तीफा : साव
मंत्री योगेंद्र साव ने फिर दोहराया कि उन्हें फंसाया जा रहा है. अपराधी का बयान ही विरोधाभाषी है. धाराओं में पुलिस छेड़छाड़ कर रही है. मंत्री ने कहा कि वह दोनों पक्षों की जांच के लिए तैयार हैं. जहां तक इस्तीफे की बात है आलाकमान कहे, तो एक मिनट में इस्तीफा दे देंगे.

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