बिशुनपुर के ग्रामीणों ने बैठक में लिया फैसला
गुमला : बिशुनपुर प्रखंड के कई गांवों के लोगों ने बैठक कर फैसला लिया है कि वे अपने बच्चों को नक्सलियों को नहीं सौंपेंगे. भाकपा माओवादी द्वारा संगठन के लिए बच्चे ले जाने पर एक विशेष जाति के लोगों में गुस्सा है.ग्रामीणों ने कहा कि नक्सली जबरन बच्चों को लेने जाने का प्रयास करते हैं, तो नक्सलियों का दाना-पानी बंद कर दिया जायेगा. एक वरीय पुलिस पदाधिकारी ने बताया है कि बिशुनपुर की एक पंचायत के 11 गांवों में ग्रामीण बैठक कर रहे हैं, जहां से बच्चे मांगे गये हैं.
पुलिस के अनुसार सबसे अधिक बच्चे एक पंचायत से ही ले जाया गया है. ग्रामीणों के गोलबंद होने के कारण वहां नक्सली घुस नहीं रहे हैं.
पंचायत में नक्सलियों की सरकार : पंचायत के नक्सल प्रभावित 11 गांवों में फिलहाल सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. यहां तक कि पंचायत सेवक, रोजगार सेवक भी नहीं जाते हैं. बीडीओ कौन है.
उसे भी इस इलाके के लोग नहीं जानते हैं. पूरी तरह यह इलाका प्रखंड से कटा हुआ है. इस बात को खुद गुमला के एक पुलिस अधिकारी ने स्वीकार किया है.
अभियान बीच में बंद : बरसात को देखते हुए पुलिस ने 21 जुलाई को अभियान बंद कर दिया है, क्योंकि जोरी नदी में पुल अधूरा है. यहां बारिश में नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. इस कारण पूरी तरह आवागमन ठप हो जाता है. इसलिए पुलिस को बीच में ही अभियान बंद करके लौटना पड़ा था. इस इलाके में टेलीफोन व मोबाइल भी काम नहीं करता है.
परिजनों से संपर्क करने में जुटी पुलिस : कुमारी गांव में नक्सलियों द्वारा जनअदालत लगा कर जिन चार लोगों की पिटाई की गयी है. पुलिस उनके परिजनों से संपर्क करने का प्रयास कर रही है. जिससे थाने में मामला दर्ज कर पुलिस आगे की कार्रवाई कर सके.
45 से अधिक बच्चे हैं नक्सलियों के कब्जे में
नक्सलियों द्वारा जिन बच्चों को ले जाया गया है, पुलिस ने डेढ़ महीने पहले ही उनकी सूची तैयार कर ली है. पुलिस के अनुसार, लोहरदगा व गुमला के करीब 45 बच्चे नक्सलियों के दस्ते में ले जाये गये हैं. इनकी संख्या और बढ़ सकती है. जिन गांवों से नक्सली बच्चों को ले गये हैं, उन गांवों तक पुलिस पहुंचने का प्रयास कर रही है.
अनफिट बता 15 बच्चों को वापस किया
ग्रामीणों के गोलबंद होने की सूचना के बाद माओवादी कमांडर नकुल यादव ने दस्ते में ले गये कई बच्चों को वापस उनके घर भेज दिया है. इसमें वैसे बच्चे हैं, जो अनफिट हैं. इस बात की जानकारी गुमला पुलिस को है. पुलिस के अनुसार, नक्सलियों ने गुमला व लोहरदगा जिले के करीब 15 बच्चों को घर भेज दिया है.
इसमें वैसे बच्चे हैं, जो कम उम्र के हैं या फिर अनफिट हैं. इसी में कुछ बच्चों को लेकर परिजन लोहरदगा पुलिस के पास गये थे. उनकी पढ़ाई की व्यवस्था की मांग की गयी है.