पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की बैठक में बनी सहमति
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नक्सल, साइबर क्राइम, अपराध व मादक तस्करों पर पांच राज्य मिल कर करेंगे प्रहार
पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की बैठक में बनी सहमति अंतरराज्यीय नक्सलियों व उग्रवादियों के विरुद्ध संयुक्त व आक्रामक अभियान चलेगा रणनीति में होगा बदलाव रांची : डीजीपी डीके पांडेय की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की बैठक शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में हुई. इसमें झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, […]
अंतरराज्यीय नक्सलियों व उग्रवादियों के विरुद्ध संयुक्त व आक्रामक अभियान चलेगा रणनीति में होगा बदलाव
रांची : डीजीपी डीके पांडेय की अध्यक्षता में पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की बैठक शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में हुई. इसमें झारखंड के अलावा बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा, छत्तीसगढ़, सीआरपीएफ, एसएसबी, आइबी, इडी के वरीय पुलिस पदाधिकारियों ने भाग लिया. इस दौरान सभी सीमावर्ती राज्यों द्वारा आपसी समन्वय बनाकर अंतरराज्यीय नक्सलियों व उग्रवादियों के विरुद्ध संयुक्त व अाक्रामक अभियान चलाने पर सहमति बनी. वहीं खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करने, अंतरराज्यीय अपराधी गिरोहों के साथ बैंक व ज्वेलरी शॉप में डकैती में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने में सहायता, साइबर क्राइम में संयुक्त कार्रवाई के साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकनाका लगा शराब की तस्करी पर रोक लगाने पर भी चर्चा की गयी.
डीजीपी ने बैठक के दौरान चरणबद्ध व समयबद्ध तरीके से नक्सलियों के खात्मे की रूपरेखा की जानकारी दी. वहीं सीमावर्ती छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओड़िशा व बिहार राज्य की पुलिस के साथ आपसी सहयोग व समन्वय, नक्सलियों पर शिकंजा कसने के लिए संयुक्त नक्सल-अभियान के लिए रणनीति साझा किया.
नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने के अतिरिक्त अफीम की अवैध खेती, साइबर अपराध, संगठित अपराध पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराज्यीय समन्वय व साइबर क्राइम के क्षेत्र में सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध सिम की बिक्री पर रोक लगाने के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहा. पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति की बैठक के जैसे ही उन्होंने पूर्वी क्षेत्रीय साइबर क्राइम समन्वय समिति की बैठक करने का सुझाव भी दिया. वहीं झारखंड पुलिस द्वारा चलाये जा रहे बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्लान की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराते हुए नक्सलियों पर असरदार प्रहार के लिए रणनीति में बदलाव का सुझाव भी दिया.
उन्होंने सीमावर्ती राज्यों के एसपी, डीएसपी, पुलिस निरीक्षक व थाना प्रभारियों के स्तर पर आपसी समन्वय बैठक किये जाने, सीमाओं पर नक्सली गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने, पुलिस बल के आपसी आवागमन एवं प्रशिक्षण सहित फ्री-फ्लो ऑफ इनफॉरमेशन पर भी बल दिया. डीजीपी ने अगली पूर्वी क्षेत्रीय समन्वय समिति की बैठक दिसंबर के प्रथम सप्ताह में कोलकाता पुलिस द्वारा आयोजित करने का सुझाव दिया
ये अधिकारी थे बैठक में मौजूद : बैठक में प्रदेश के डीजीपी डीके पांडेय, सीआइडी एडीजी अजय कुमार सिंह, रेल एडीजी प्रशांत सिंह, एडीजी अभियान आरके मल्लिक, सीआरपीएफ आइजी संजय आनंद लाठकर, आइजी मानवाधिकार नवीन कुमार सिंह, आइजी अभियान आशीष बत्रा, आइजी प्रोविजन अरुण कुमार सिंह, आइजी बोकारो रेंज शंभु ठाकुर, आइजी के संयुक्त उप निदेशक डॉन के जोश, दुमका के प्रभारी आइजी रंजीत कुमार प्रसाद, रांची रेज डीआइजी अमोल वीणुकांत होमकर, बोकारो रेंज डीआइजी प्रभात कुमार, हजारीबाग रेंज डीआइजी पंकज कंबोज, पलामू रेंज डीआइजी विपुल कुमार शुक्ला, दुमका रेंज डीआइजी राजकुमार लकड़ा, कोल्हान रेंज डीआइजी कुलदीप द्विवेदी, विशेष शाखा डीआइजी अखिलेश कुमार झा, एसआइबी के डीआइजी साकेत कुमार सिंह, एसएस मिश्रा, एटीएस एसपी पी मुरूगन, संजय लावनिया, सुबोध कुमार, शम्स तबरेज, मो अर्शी, राजू थॉमस ने भाग लिया. इनके अलावा सीमावर्ती राज्यों से विशेष पुलिस महानिदेशक सेंट्रल जोन कोलकाता कुलदीप सिंह, निदेशक सह अपर पुलिस महानिदेशक ओड़िशा सुनील कुमार राय, अपर पुलिस महानिदेशक (विधि-व्यवस्था) बिहार आलोक राज, पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा छत्तीसगढ़ हिमांशु गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक प बंगाल राजीव मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक एसएसबी, पटना संजय कुमार, रवींद्र वर्मा ने भी भाग लिया..
किस स्टेट के साथ झारखंड की क्या है चुनौती
प्रदेश का बूढ़ा पहाड़ संवेदनशील इलाका है. वहां अभी नक्सलियों की गतिविधियां कम है. लेकिन आनेवाले समय में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसलिए नक्सलियों की गतिविधि में बढ़ोतरी की संभावना है.
ओड़िशा बोर्डर पर अभी नक्सलियों की गतिविधि उतनी नहीं है. लेकिन कुछ दस्ते के सक्रिय होने की बात आ रही है, जो उनके द्वारा मीटिंग किये जाने के संकेत हैं.
पश्चिम बंगाल के प. मेदनीपुर व पुरुलिया के साथ झारखंड के पूर्वी सिंहभूम सीमा पर इनामी नक्सली असीम मंडल सक्रिय है. यह झारखंड के लिए चिंता की बात है.
बिहार के औरंगाबाद-गया से सटे झारखंड के पलामू सीमा पर फिलवक्त नक्सली गतिविधि कम है. लेकिन चक्रबंधा व अन्य नक्सलियों के फिर से सक्रिय होने की खबर है. इन्हें रोकना चुनौती है.
जमुई और लखीसराय में नक्सली गतिविधि तेज हुई है. यह इलाका झारखंड के गिरिडीह से सटा हुआ है. यह झारखंड के लिए सही नहीं है.
साइबर क्रिमिनल झारखंड में अपराध को अंजाम देने के बाद बिहार के औरंगाबाद, रोहतास, जमुई, नालंदा, लखीसराय, नवादा व पश्चिम बंगाल के अन्य जिलों में शिफ्ट कर गये हैं. क्योंकि वहां से अपराधियों के नंबर से अब फोन आ रहे हैं. इसकी रोकथाम के लिए झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल के अफसरों की एक सब कमेटी बना कार्रवाई की जायेगी.
ओड़िशा के चिलका लेक क्षेत्र में गांजा की उपज काफी होती है. वहां से तस्करी होकर देश के अन्य भागों में गांजा की तस्करी की जाती है. इसकी रोकथाम के लिए इंटर स्टेट बोर्डर पर चेक नाका लगा कर इसकी रोकथाम का संयुक्त प्रयास किया जायेगा.
अफीम की खेती अक्टूबर के बाद शुरू हो जाती है. खासकर बिहार से सटे अति नक्सल क्षेत्र में. यह सवाल बिहार के एडीजी आलोक राज ने उठाया. इस पर झारखंड की ओर से उन्हें भरोसा दिया गया कि उन क्षेत्रों की पहचान कर वहां कार्रवाई की जायेगी.
वाइल्ड लाइफ और प्राचीन महत्व की मूर्तियों के संबंध में सूचना का आदान-प्रदान नहीं होता. इसे शुरू किया जायेगा.
इडी की ओर से मनी लाउंड्रिंग के तहत सभी राज्यों से अपराधी व नक्सलियों की संपत्ति के संबंध में जानकारी देने का आग्रह किया.
सूचना तंत्र को सशक्त करें : कुलदीप सिंह
विशेष पुलिस महानिदेशक मध्य जोन कोलकाता कुलदीप सिंह ने नक्सलियों के विरुद्ध कारगर अभियान के लिए स्थानीय स्तर पर सूचना तंत्र को सशक्त करते हुए उनके विरुद्ध कारगर प्रहार किये जाने पर बल दिया. वहीं अंतरराज्यीय सहयोग सहित सीआरपीएफ के साथ समन्वय की आवश्यकता भी बतायी.
अवैध शराब तस्करी बंद हो : अालोक राज
अपर पुलिस महानिदेशक विधि-व्यवस्था (बिहार) आलोक राज ने झारखंड पुलिस द्वारा बिहार-झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त अभियान चलाने व नक्सलियों को आर्थिक चोट पहुंचाने के प्रयासों की सराहना की. साथ ही झारखंड पुलिस द्वारा उनके सीमा क्षेत्र से हो रही शराब की तस्करी पर रोक लगाने का भी अनुरोध किया.
अर्बन नक्सल पर चर्चा
बैठक में अर्बन नक्सल का मामला भी उठा. इस पर कहा गया कि अभी मामला सुप्रीम कोर्ट में है. इसमें गाइडलाइन आने के बाद पुलिस कार्रवाई करेगी. अर्बन नक्सल से मतलब वैसे लोग जो शहरी क्षेत्र में रहते हुए नक्सलियों व उग्रवादियों को किसी ने किसी रूप में प्रोत्साहन देते हैं.
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