-सुनील चौधरी-
रांचीः आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिजीत ग्रुप के पावर प्लांट का श्रेय इंफ्रास्ट्रर फायनेंस लिमिटेड अधिग्रहण कर सकती है. इस मुद्दे पर दोनों कंपनियों में कई दौर की बातचीत हो चुकी है. श्रेय इंफ्रास्ट्रर फायनेंस लिमिटेड कोलकाता की इंडिया पावर कॉर्प लिमिटेड की इकाई है. अभिजीत ग्रुप का चंदवा में 1080 मेगावाट का पावर प्लांट अधूरा पड़ा है. इसकी लागत नौ हजार करोड़ बतायी जाती है. बताया जाता है कि कंपनी के सारे कर्मचारियों की निगाह इस समझौते पर है. अभिजीत ग्रुप के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले एक साल से श्रेय इंफ्रा की ओर से अधिग्रहण की बात चल रही है.पर अब तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है. कंपनी एक पार्टनर की तलाश में है, जो पावर प्लांट का निर्माण पूरा करा सके. निर्माण कार्य सीबीआइ जांच व फंड की कमी से प्रभावित है.
कर्ज के बोझ से दबी है कंपनी : सूत्रों ने बताया कि अभिजीत ग्रुप की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है. कंपनी को वित्तीय संस्थानों ने लोन देना बंद कर दिया है. रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन और एसबीआइ अब दिये गये लोन के भुगतान के लिए कंपनी पर दबाव बना रहे हैं. कंपनी को स्टेट बैंक ने 2200 करोड़ और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन ने 2000 करोड़ रुपये लोन दिये हैं. कंपनी के प्रमोटर मनोज जायसवाल पर कोल ब्लॉक आवंटन में गलत तरीका इस्तेमाल करने का आरोप भी लगा है. कोल ब्लॉक आवंटन मामले की जांच सीबीआइ कर रही है. कंपनी के चंदवा स्थित साइट से सैकड़ों कर्मचारी नौकरी छोड़ कर जा चुके हैं.
श्रेय इंफ्रा अभिजीत ग्रुप का एग्जिक्यूटिव पार्टनर बन रही है. अंतिम रूप बैंकों के क्लीयरेंस पर निर्भर करता है. अभिजीत ग्रुप के वित्तीय संस्थानों को पार्टनरशिप तय करना है. इसमें अभी समय लगेगा. पर यह सही है कि श्रेय इंफ्रा से बातचीत अंतिम दौर में चल रही है. कंपनी में कार्यरत लगभग 400 कर्मचारियों को अभी वेतन तो नहीं दिया जा रहा है, पर जीवन यापन के लिए कुछ राशि दी जा रही है. हमें विश्वास है कि जल्द ही कंपनी खराब दिन से उबर जायेगी.