Delhi Election Result: दिल्ली की राजनीति में इस समय हलचल तेज हो गई है. आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया है कि उनके विधायकों को खरीदने के लिए 15 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया. इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं और दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के निर्देश पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने कार्रवाई शुरू कर दी है.
एसीबी की टीम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मुकेश अहलावत के आवास पर पहुंची, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, केजरीवाल ने जांच में सहयोग नहीं किया. AAP की लीगल टीम का कहना है कि कानून के अनुसार पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था. वहीं, संजय सिंह ने ACB दफ्तर जाकर औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई और आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं.
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AAP के लीगल सेल हेड संजीव नसियार ने कहा कि ACB के पास कोई आधिकारिक नोटिस नहीं था और वे बिना किसी उचित कानूनी प्रक्रिया के कार्रवाई कर रहे थे. उन्होंने दावा किया कि AAP के पास अपने आरोपों के पुख्ता सबूत हैं और वे सही प्रक्रिया का पालन करने के बाद ही बयान दर्ज कराएंगे.
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ACB ने कहा कि वे अरविंद केजरीवाल का बयान दर्ज करने के लिए उनके घर पहुंचे थे क्योंकि वे इस मामले में शिकायतकर्ता हैं. उनका बयान दर्ज करना जरूरी था ताकि आगे की जांच की जा सके और एफआईआर दर्ज करने या अन्य कानूनी कदम उठाने पर विचार किया जा सके.
दिल्ली बीजेपी महासचिव विष्णु मित्तल ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और FIR दर्ज की जाए. उधर, संजय सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने “ऑपरेशन लोटस” शुरू कर दिया है, जिसके तहत AAP विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि सात विधायकों को कॉल कर बीजेपी में शामिल होने के लिए 15 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया. उन्होंने विधायकों से ऐसी कॉल्स की रिकॉर्डिंग करने और वीडियो सबूत इकट्ठा करने की अपील की.
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AAP विधायक मुकेश अहलावत ने भी दावा किया कि उन्हें फोन कर मंत्री पद और 15 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वह कभी AAP नहीं छोड़ेंगे और केजरीवाल का साथ नहीं छोड़ेंगे. इस पूरे घटनाक्रम के बाद दिल्ली की राजनीति में गहमागहमी बढ़ गई है और अब इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है.
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