महनार : शिशुओं और गर्भवती स्त्रियों के लिए बंटनेवाला पोषाहार बीते छह माह और सेविका, सहायिका को मानदेय तेरह माह से नहीं मिला है. उनके लिए मानदेय की व्यवस्था नहीं हो पा रही. बीते 13 माह से मानदेय के लाले पड़े हैं. इस बीच कई महत्पूर्ण पर्व आये और चले भी गये, पर मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया और दशहरा जैसा पर्व बीत रहा है. बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए संतुलित एवं सुखद जीवन की पृष्ठभूमि तैयार करने वाली आंगनबाड़ीकर्मियों के लिए दशहरे के बड़े पर्व में भी फांके का आलम है.
प्रखंड की आंगनबाड़ी कर्मी महिलाओं ने सरकार के इस रवैये के प्रति रोष भी है और निराशा भी. समाजसेवी रत्नेश कुमार सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ीकर्मियों की बहाली और मानदेय भुगतान में विलंब होने का कारण पूछा गया, तो सीडीपीओ रश्मि रंजन ने जिले से आवंटन नहीं होने की और इशारा किया. वहीं पोषाहार नहीं मिलने के कारण बच्चों की उपस्थिति पर बुरा असर पड़ने लगा है. महनार में आंगनबाड़ी केंद्र की संख्या 155 है.