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आमलोगों को मिली राहत

हाजीपुर-पटना के बीच चलनेवाली सरकारी बस सेवा से मिला लाभ हाजीपुर और पटना के बीच चलायी जा रहीं बसों का ठहराव निश्चित नहीं किये जाने से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हाजीपुर जंक्शन से गांधी मैदान के बीच चलनेवाली इस बस का ठहराव कहां-कहां है यह आम लोगों को पता […]

हाजीपुर-पटना के बीच चलनेवाली सरकारी बस सेवा से मिला लाभ
हाजीपुर और पटना के बीच चलायी जा रहीं बसों का ठहराव निश्चित नहीं किये जाने से आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हाजीपुर जंक्शन से गांधी मैदान के बीच चलनेवाली इस बस का ठहराव कहां-कहां है यह आम लोगों को पता नहीं है. हालांकि लोगों को हाजीपुर से पटना के बीच बसों के चलाये जाने से काफी राहत हुई है.
हाजीपुर : बिहार सरकार के पथ परिवहन विभाग के द्वारा हाजीपुर जंक्शन से गांधी चौक के बीच बस चलाये जाने से आम लोगों ने राहत महसूस की है. टेंपोचालकों की मनमानी से ऊब चुके लोगों ने सरकार के इस कदम का खुले दिल से स्वागत किया है. हाजीपुर और पटना के बीच चलायी जा रहीं बसों का ठहराव निश्चित नहीं किये जाने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
हाजीपुर जंक्शन से गांधी मैदान के बीच चलनेवाली इन बसों का ठहराव कहां-कहां है, यह आम लोगों को पता नहीं है. राज्य सरकार द्वारा बस चलाये जाने से जहां लोगों को टेंपोचालकों की मनमानी से राहत मिली है, वहीं बसों का ठहराव निश्चित नहीं रहने के कारण अधिकतर लोग इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं.
दैनिक यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित हुई सेवा : बस चलने से दैनिक यात्रियों के साथ हीं छात्र-छात्राओं कोकाफी लाभ हुआ है. अब वे कम समय और कम किराये में वे अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं. निर्धारित किराया होने के कारण उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है, जबकि इस मार्ग पर चलनेवाले टेंपो का किराया दिन में कई बार घटता और बढ़ता है. प्रत्येक घंटे बदलने वाले टेंपो के किराये से लोगों को राहत मिली, लेकिन पड़ाव निश्चित नहीं होने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
क्या है समस्या : पटना शहर में बसों के प्रवेश पर लगी रोक के कारण टेंपोचालकों की मनमानी से आम लोगों ने तब राहत महसूस की, जब राज्य सरकार ने बुडको के सहयोग से हाजीपुर जंक्शन से गांधी मैदान के बीच बस को चलाना प्रारंभ कर दिया. बस चलने के साथ ही लोग टेंपो छोड़ कर बस पर चढ़ने लगे.
पहले दिन यह बस हाजीपुर जंक्शन परिसर से खुली, लेकिन रेलवे स्टेशन परिसर में संचालित टेंपो स्टैंड के संवेदक और टेंपो चालकों ने बस वहां से खोलने का विरोध किया. सदर एसडीओ ने मामले में पहल की, लेकिन बात नहीं बनी. उसके बाद से यह बस स्टेशन के प्रवेश द्वार से खुल रही है. यहां से खुलने के बाद बस कहां-कहां रुकेगी और वापसी में किस रास्ते स्टेशन वापस आयेगी, यह निश्चित नहीं होने से लोगों को परेशानी हो रही है.
पांच के टिकट पर लगा है बीस रुपये की मुहर : बिहार राज्य पथ परिवहन की दस बसें फिलहाल हाजीपुर-गांधी मैदान के बीच चलायी जा रही हैं, लेकिन इन बसों में पांच, दो और एक रुपये के टिकटों पर क्रमश: बीस, दस और पांच रुपये का मुहर लगा कर टिकट दिया जा रहा है. इस कारण लोगों में बस के कंडक्टर के प्रति अविश्वास पैदा हो रहा है. यात्री उनसे उतनी ही राशि के टिकट की मांग पर उलझ जाते हैं, जो निर्धारित भाड़ा है. बस यात्री कंप्यूटराइज टिकट की मांग कर रहे हैं.
टिकट की कमी का बनाया जा रहा बहाना : बस के कंडक्टर लोगों से टिकट की कमी होने का बहाना बना कर कई यात्रियों को टिकट नहीं दे रहे हैं और विरोध करने पर निजी बसों की तरह वे यात्रियों से उतर जाने की बात कर रहे हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बस के कंडक्टर की इस करतूत से शीघ्र ही बस सेवा ठप होने की आशंका बढ़ रही है.
क्या कहते हैं लोग
हाजीपुर से पटना के बीच बस सेवा चलाये जाने से आम लोगों को लाभ मिला है, लेकिन बस का पड़ाव निश्चित कर किराये का चार्ट प्रदर्शित किया जाना चाहिए, ताकि लोग इसका सदुपयोग कर सकें. बस को वापसी में कोनहारा घाट बाइपास के रास्ते गांधी चौक होते हुए स्टेशन लाया जाये, ताकि शहर में आनेवाले लोगों को लाभ मिल सके.
विजय कुमार विद्यार्थी, अध्यक्ष, जिला कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ
रत्येक ठहराव पर बस की समय सारणी और किराये का चार्ट लगाया जाये एवं बस में कंप्यूटराइज टिकट मिले, इसकी व्यवस्था की जाये. बस चलाने का निर्णय एक लोक कल्याणकारी कदम है. टेंपोचालकों की मनमानी पर अंकुश लगा है.
कुमार विकास, वरीय अधिवक्ता

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