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प्रखंड, अंचल व थानों में नहीं लगता जनता दरबार

गोरौल : बीडीओ, सीओ एवं थानाध्यक्ष द्वारा लगाये जानेवाला जनता दरबार एक कागजी खानापूर्ति बन कर रह गया है. सरकार के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी द्वारा जनता दरबार का आयोजन नहीं होने से जनता की समस्या बढ़ती जा रही है. वहीं गोरौल प्रखंड में जनता दरबार टांय-टांय फिस हो गया. सरकार के निचले पायदान के पदाधिकारी […]

गोरौल : बीडीओ, सीओ एवं थानाध्यक्ष द्वारा लगाये जानेवाला जनता दरबार एक कागजी खानापूर्ति बन कर रह गया है. सरकार के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी द्वारा जनता दरबार का आयोजन नहीं होने से जनता की समस्या बढ़ती जा रही है. वहीं गोरौल प्रखंड में जनता दरबार टांय-टांय फिस हो गया.

सरकार के निचले पायदान के पदाधिकारी की मंशा साफ नहीं है. बीडीओ का जनता दरबार, ग्राम विकास शिविर पूर्णत: फ्लॉप होकर रह गया. सरकार ने कोई कानून बना कर जनता की समस्या का निराकरण करने का हर संभव प्रयास किया हो, परंतु जब तक उसे कार्य रूप देने वाले पदाधिकारी की नीयत साफ नहीं होगी तब तक वह नियम लागू नहीं होगा.

सरकार ने वर्ष 2008 में बनाया था नियम : सरकार ने 2008 से ही प्रत्येक प्रखंड मुख्यालय में बीडीओ, अंचल कार्यालय में सीओ तथा थाने में थानाध्यक्ष को जनता दरबार लगा कर जन शिकायत को सुना जाता था और इसका निराकरण भी लगभग किया जाता था. इसके लिए थाने से लेकर प्रखंड कार्यालयों में भी मोटे अक्षरों में मंगलवार को जनता दरबार की तिथि भी लिखी गयी. परंतु आज तक जनता दरबार का आयोजन नहीं किया गया.
यहां तक कि मंगलवार को जनता दरबार लगानेवाले अधिकारी अपने कार्यालय में उपस्थित भी नहीं रहते हैं. यदि प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी जनता दरबार का आयोजन कर लोगों की शिकायतों का निबटारा करते, तो जिलाधिकारी, आरक्षी अधीक्षक सहित अन्य वरीय पदाधिकारी के जनता दरबार में फरियादियों की संख्या काफी कम हो जाती.
लोगों से लिये गये आवेदन का पता नहीं : पूर्व में लगाये गये पंचायतों में जनता दरबार और ग्राम विकास शिविरों में दिये गये आवेदन कहां हैं, पता नहीं चला. आवेदक कार्यालयों के चक्कर लगाते-लगाते थक गये. फिर पुन: आवेदन दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. आज अपनी शिकायत को लेकर जनता को जिला मुख्यालय लगभग 30 किलोमीटर हाजीपुर जाना पड़ता है. जहां आने-जाने में बहुमुल्य समय के अलावा रुपया भी आने-जाने में काफी खर्च हो जाता है. वहीं दूसरे दिन भी आवेदन के बारे में जाकर जानकारी लेनी पड़ती है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जब भी कार्यालय में रहते हैं, तो जनता की समस्याओं का निराकरण प्रतिदिन किया जाता है. हालांकि प्रत्येक मंगलवार को जनता दरबार लगाया जाता है.
अनिल कुमार, सीओ, गोरौल
प्रत्येक मंगलवार को जनता दरबार लगाया जाता है और इसमें आये आवेदन पर तत्वरित कार्रवाई कर समस्या का निराकरण भी किया जाता है. इसकी समस्या लेकर दूसरे दिन भी जनता आती है, तो उनकी समस्याओं के निदान के लिए संबंधित कर्मचारी एवं पदाधिकारी को लिखा जाता है.
शशि प्रिय वर्मा, बीडीओ, गोरौल
थाने पर प्रतिदिन समस्या लेकर आम जन आते हैं, उनकी समस्या की जांच पड़ताल कर आवेदन पर उचित कार्रवाई की जाती है. हालांकि प्रत्येक मंगलवार को जनता दरबार थाने पर लगाया जाता है और जनता की समस्याओं को सुना जाता है.
रजनीश कुमार, थानाध्यक्ष प्रशिक्षु डीएसपी

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