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गंडक नदी के घाटों को जोड़ने की योजना अधर में
शिथिलता से अभी पहले चरण का काम भी पूरा नहीं हो पाया गंडक नदी के किनारे एक से दूसरे घाटों को जोड़ने के लिए लिंक रोड का निर्माण और पार्क का निर्माण कर सौंदर्यीकरण की योजना बनायी गयी थी. इस योजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेवारी नगर पर्षद की थी. पर्षद इस काम की […]
शिथिलता से अभी पहले चरण का काम भी पूरा नहीं हो पाया
गंडक नदी के किनारे एक से दूसरे घाटों को जोड़ने के लिए लिंक रोड का निर्माण और पार्क का निर्माण कर सौंदर्यीकरण की योजना बनायी गयी थी. इस योजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेवारी नगर पर्षद की थी. पर्षद इस काम की शुरुआत करता, उसके पहले ही यह योजना डूडा के हवाले कर दी गयी.
यह काम सही समय पर सही ढंग से पूरा हो जाये, इस उद्देश्य से तत्कालीन जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने इसे डूडा को सौंप दिया. सही समय पर काम पूरा करने की बात तो दूर, डूडा ने काम ही लगभग ठप कर रखा है.
सौंदर्यीकरण की दिशा में इस पर तीन फेज में काम होना है, लेकिन अभी पहले चरण का काम भी पूरा नहीं हो पाया है. शहरी विकास अभिकरण की लापरवाही के कारण हाजीपुर शहर के सौंदर्यीकरण की योजना दम तोड़ रही है. लापरवाही का आलम यह है कि यहां किसी काम का टेंडर पास हुए साल पूरा हो जा रहा है, लेकिन धरातल पर वह काम नजर नहीं आता.
हाजीपुर : शहरी विकास अभिकरण की लापरवाही के कारण हाजीपुर शहर के सौंदर्यीकरण की योजना दम तोड़ रही है. लापरवाही का आलम यह है कि यहां किसी काम का टेंडर पास हुए साल पूरा हो जा रहा है, लेकिन धरातल पर वह काम नजर नहीं आता.
कुछ ऐसा ही हाल है शहर की गंडक किनारे नदी घाटों के सौंदर्यीकरण की योजना का. जब से डूडा के जिम्मे जिला प्रशासन ने यह काम सौंपा, पूरी योजना ही अधर में है.
क्या है योजना, कब होगी पूरी : शहर के कौनहारा घाट से लेकर विभिन्न घाटों पर पक्की सीढ़ियों का निर्माण, गंडक नदी के किनारे एक से दूसरे घाटों को जोड़ने के लिए लिंक रोड का निर्माण और पार्क का निर्माण कर सौंदर्यीकरण की योजना बनायी गयी थी. इस योजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेवारी नगर पर्षद की थी.
पर्षद इस काम की शुरुआत करता, उसके पहले ही यह योजना डूडा के हवाले कर दी गयी. यह काम सही समय पर सही ढंग से पूरा हो जाये, इस उद्देश्य से तत्कालीन जिलाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने इसे डूडा को सौंप दिया. सही समय पर काम पूरा करने की बात तो दूर, डूडा ने काम ही लगभग ठप कर रखा है. सौंदर्यीकरण की दिशा में इस पर तीन फेज में काम होना है, लेकिन अभी पहले चरण का काम भी पूरा नहीं हो पाया है.
विभाग में पड़ी है राशि, बंद है काम : सौंदर्यीकरण योजना के पहले चरण में घाटों पर सीढ़ी निर्माण का काम होना है. इसके लिए शहरी विकास अभिकरण को लगभग आठ करोड़ रुपये की राशि मिली थी. इससे कौनहारा घाट से सीढ़ी घाट तक नदी किनारे सीढ़ियां बननी हैं.
पूरा साल बीत गया, लेकिन सीढ़ी निर्माण का काम कौनहारा घाट से आगे नहीं बढ़ा. कौनहारा घाट की श्मशान भूमि के निकट कुछ दूरी तक सीढ़ी बनाने का काम शुरू तो हुआ पर आज तक वहीं अटका रह गया. कौनहारा से सीढ़ी घाट के बीच कबीर मठ घाट, क्लब घाट, कदम घाट, कौशल्या घाट आदि स्थलों पर यह काम कब तक पूरा होगा, कहना मुश्किल है. विभाग के पास राशि उपलब्ध रहने के बावजूद काम में लापरवाही से लोगों में नाराजगी है.
सुकूनदायी होगा स्वच्छ हवा में टहलना : शहर में नदी तट पर सौंदर्यीकरण की योजना साकार हो जाने के बाद यहां के नागरिकों को ऐसी कई सुविधाएं हासिल होंगी, जिनके लिए लंबे समय से लोग लालायित रहे हैं.
लोगों का कहना है कि घाटों पर सीढ़ी, लिंक रोड और पार्क के बन जाने से गंगा गंडक के संगम स्थल की न सिर्फ सूरत संवर जायेगी, बल्कि शहर के हजारों लोग तफरीह के दौरान इस रमणीक स्थान का आनंद ले सकेंगे.
शहर में पार्क की कमी हो सकती दूर : गायत्री परिवार के हरिनाथ गांधी कहते हैं कि नदी घाटों पर सीढ़ियां बन जाने से स्नानार्थियों को तो सहूलियत होगी ही, घाटों को साफ -सुथरा बनाये रखने में भी आसानी होगी. अंदरकिला निवासी वरिष्ठ साहित्यकार शालिग्राम सिंह अशांत का कहना है कि शहर में एक अदद पार्क के लिए लोग कब से तरस रहे हैं. गंडक किनारे पार्क का निर्माण होने से इस इलाके के बूढ़े, बच्चे, जवान सभी को सुविधा होगी. एसडीओ रोड निवासी वरीय अधिवक्ता विनय चंद्र झा लिंक रोड की उपयोगिता बताते हुए कहते हैं कि शहर में बढ़ते प्रदूषण के बीच नदी के तट पर शांत वातावरण और स्वच्छ हवा में टहलना लोगों के लिए काफी सुकूनदायी होगा.
क्या कहते हैं नप के अधिकारी
डूडा का काम संतोषजनक नहीं है. नदी किनारे सौंदर्यीकरण का काम तीन चरणों में होना है. पहले चरण में सीढ़ी निर्माण का काम भी ठीक ढंग से नहीं हो रहा. घाटों पर यदि अभी इस काम को पूरा नहीं किया जायेगा, तो नदी में पानी बढ़ने के बाद काम कराना और मुश्किल हो जायेगा. डूडा द्वारा एसडीओ रोड में सड़क किनारे जो एजिंग का काम किया जा रहा है, वह भी जैसे-तैसे किया जा रहा है.
हैदर अली, सभापति, नगर पर्षद
गंडक नदी के तट पर सौंदर्यीकरण का काम काफी महत्वपूर्ण है. डूडा इसमें लापरवाही न बरते. यह काम यदि नगर पर्षद को करना होता, तो कब का पूरा हो गया होता. यह नागरिकों की सुविधा से जुड़ी योजना है, इस पर सही ढंग से अमल होना चाहिए. सक्षम पदाधिकारी को इसके लिए लिखा जायेगा.
निकेत कुमार डब्ल्यू, उपसभापति
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