* हाल रिमांड होम का बाल सुधार गृह, मुजफ्फरपुर से भागे बाल कैदियों ने खोली कुव्यवस्था की पोल
* अधीक्षक पर लगाया अनियमितता सहित अप्राकृतिक यौनाचार का आरोप
हाजीपुर : बाल सुधार गृह की कु व्यवस्था से त्रस्त किशोर बंदियों ने वहां से भाग कर जान बचायी एवं किशोर न्याय पर्षद से सुरक्षा की गुहार लगायी है.
विधि विरुद्ध किशोर को अपराधियों से दूर रखने एवं उनमें सुधार की उपेक्षा से संचालित बाल सुधार गृह, मुजफ्फरपुर के अधीक्षक एवं कर्मचारियों की मिलीभगत से बाहरी अपराधियों के पनाहस्थली बन जाने एवं बंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार के कारण आद दिन वहां से बंदी भाग कर जान बचाने को विवश होते हैं और लाचार किशोर न्याय पर्षद उन्हें फिर से वहीं भेज देती है.
हाल के दिनों में सुधार गृह की व्यवस्था से त्रस्त होकर कई लोग भागे और न्यायालय द्वारा फरार घोषित किए जा चुके है लेकिन प्रशासन की नींद नहीं खुली. मंगलवार को हद तब हो गई जब एक साथ दस बाल बंदियों ने सुधार गृह प्रशासन पर कई आपत्तिजनक आरोप लगाते हुए पार्षद से प्राण रक्षा की गुहार लगायी.
मनीष कुमार, अंशु कुमार, मुना राय, मोहन कुमार, चंदन कुमार सहनी, रघुवीर कुमार, राजन कुमार, अरविंद कुमार ,मो. तनु, कर्नल ने पर्षद के अध्यक्ष को दिए एक आवेदन में कहा है कि उन्हें सुधार गृह के बदले बगल के अनाथाश्रय मे रखा जाता है और दूसरे जिले के बंदी होने के कारण कोई सरकारी सुविधा नहीं दी जाती है.
किशोरों ने कहा की अधीक्षक के आतंक से बंदी डरे रहते है और अधीक्षक एवं कर्मचारियों द्वारा समय समय पर पैसे की मांग की जाती है तथा अप्राकृतिक यौनाचार के लिए विवश किया जाता है. सोमवार को बाहरी अपराधियों ने बच्चों के साथ मारपीट की.
बाल सुधार गृह की दुर्दशा से आजिज आकर किशोरों का भागना एक सदैव घटने वाली घटना है लेकिन प्रशासन ने इसके समाधान की दिशा में कोई कारण कदम उठाने में अब तक उपेक्षा भाव ही प्रदर्शित किया है.