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डीएम ने की राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की शुरुआत

छपरा : छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह तथा डिप्टी मेयर अमितांजलि सोनी के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा क्रमश: 4 तथा 6 सितंबर को होना है. एक ओर अविश्वास प्रस्ताव को ले जहां 45 वार्ड पार्षदों में मेयर तथा डिप्टी मेयर को बरकरार रखने तथा कुर्सी को छीनने को लेकर राजनीति चरम पर है. […]

छपरा : छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह तथा डिप्टी मेयर अमितांजलि सोनी के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा क्रमश: 4 तथा 6 सितंबर को होना है. एक ओर अविश्वास प्रस्ताव को ले जहां 45 वार्ड पार्षदों में मेयर तथा डिप्टी मेयर को बरकरार रखने तथा कुर्सी को छीनने को लेकर राजनीति चरम पर है. वहीं चर्चा के दौरान शांति व्यवस्था के मद्देनजर सदर एसडीओ संजय कुमार ने दोनों तिथियों के लिए नगर निगम के मुख्य द्वार तथा बैठक कक्ष के प्रवेश द्वार पर मजिस्ट्रेट तथा पुलिस बल की तैनाती की है.
वहीं इसकी सूचना डीएम सुब्रत कुमार सेन, एसपी हरकिशोर राय तथा अन्य संबंधित पदाधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है. सदर एसडीओ के पत्र के अनुसार चार सितंबर को 11.30 बजे पूर्वाह्न से छपरा नगर निगम के सभागार में होने वाली बैठक के दौरान शांति व्यवस्था का निर्देश दिया है.
चार सितंबर को नगर निगम के मुख्य प्रवेश द्वार पर नगरा के सीओ तथा सभागार में छपरा सदर के सीओ को मजिस्ट्रेट का प्रभार दिया है. इसी प्रकार छह सितंबर को अविश्वास प्रस्ताव पर होने वाले चर्चा के लिए नगर निगम के मुख्य प्रवेश द्वार पर रिविलगंज सीओ प्रदीप कुमार सिन्हा तथा नगर निगम के सभागार के प्रवेश द्वार पर छपरा सदर के सीओ पंकज कुमार की तैनाती का निर्देश दिया है.
दो अलग-अलग गुट बना रहे हैं रणनीति
छपरा नगर निगम के गठन के बाद हुए चुनाव के दो वर्ष पूरा होने के बाद विरोधी गुटों के वार्ड पार्षदों द्वारा छपरा नगर निगम की महापौर प्रिया सिंह तथा उपमहापौर अमितांजलि सोनी को कुर्सी से बेदखल या कुर्सी से बचाने को ले गोलबंदी चरम पर है.
यही नहीं कुर्सी बरकरार रखने व छीनने के फेर में एक गुट के द्वारा लगभग 20 से 22 पार्षदों को पश्चिम बंगाल को महानगर व अन्य नगरों के धार्मिक एवं ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराने के साथ-साथ उन्हें लग्जरियस होटलों में खाने व रहने की व्यवस्था भी की गयी थी. सोमवार की ही देर रात पार्षद अपने शहर पहुंचे हैं. वहीं अपनी कुर्सी बचाने या कुर्सी छीनने के खेल में कुछ महत्वाकांक्षी महिलाओं के परिजनों द्वारा वार्ड पार्षदों को नकद भी ऑफर किये जाने की चर्चाएं हैं.
इसे लेकर शहरवासियों में भी सत्ता हथियाने के खेल में जनता के इन रहनुमाओं की कारगुजारियां की चर्चा हो रही है. आमजनों में चर्चा है कि कुर्सी बचाने एवं छिनने के खेल में लाखों रुपये पानी की तरह बहाये जा रहे है. परंतु, अधिकतर पार्षद आम जनों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं. इससे आम जन कहते हैं कि अधिकतर जनप्रतिनिधि जीतने के बाद अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने को ही प्राथमिकता दे रहे हैं.
आमजनों की बुनियादी जरूरतों यथा, सफाई, जलापूर्ति, जलजमाव से निजात दिलाने, अतिक्रमण आदि सुविधाओं को बेहतर करने के प्रति सजग नहीं दिख रहे हैं. अब देखना है कि अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा के बाद महापौर तथा उपमहापौर में किसकी कुर्सी बचती है तथा किसकी कुर्सी जाती है.
आरोप-प्रत्यारोप का मामला थाने में पहुंचा
नगर निगम के महापौर तथा उपमहापौर के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर क्रमश: चार तथा छह सितंबर को चर्चा के दौरान पुरुषों से ज्यादा महिला वार्ड पार्षदों की संख्या वाले इस नगर निगम में महिला वार्ड पार्षदों के परिजन यथा पति, पुत्र आदि ज्यादा सक्रिय हैं. येन-केन-प्रकारेण सत्ता बरकरार रखने तथा दूसरे को सत्ता से बेदखल रखने की गुटबाजी में एक-दूसरे के विरुद्ध गंभीर आरोप भी लगाये जा रहे हैं.
इसके तहत छपरा नगर निगम वार्ड नंबर 30 की महिला पार्षद के पति सुल्तान इद्रीसी द्वारा छपरा नगर निगम की मेयर प्रिया सिंह के पति मिंटू सिंह के खिलाफ जान मारने की धमकी देने की शिकायत भी पुलिस अधीक्षक व नगर थाने को की गयी है.
इसके पीछे उनके द्वारा नगर निगम में भ्रष्टाचार के मामले का विरोध करना बताया गया है. अंतत: यह बात परिलक्षित हो रही है कि कुर्सी बचाने व छीनने की होड़ में अब वार्ड पार्षदों में एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाना निश्चित तौर पर आपसी सौहार्द को खराब करने की शुरुआत है.

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