महुआ सदर : जिसका कोई नहीं होता, उसका खुदा होता है यारों. यह कहावत क्षेत्र में उतर आयी. जब एक विवश दंपती की पुत्री की शादी तेगी कमेटी के लोगों ने वर की तलाश कर करायी. प्रखंड की मधौल पंचायत के चकफतेह मजार टोला निवासी अब्दुल गफूर वर्षो पहले लकवाग्रस्त हो गये.
इस कारण उनका चलना-फिरना भी बंद हो गया. जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनकी पुत्री बड़ी होती गयी और उसकी उम्र विवाह के योग्य हो गयी. इसके बाद युवती की मां ने तेगी कमेटी से संपर्क साधा. कमेटी के सदस्यों युवती को समाज की बेटी मान कर उसके लिए वर की तलाश की और निकाह क राया. इतना ही नहीं उसे उसकी जरूरतों का सभी सामान दहेज में उपहार स्वरूप दिया.
जब युवती जमीला खातून की मां ने कमेटी के सदस्यों से संपर्क साधा तो उन लोगों ने तत्काल उसकी बात मान ली और वर की तलाश शुरू कर दी. उनके अथक परिश्रम के बाद मुजफ फरपुर जिले के सकरा थाने के बिदिपुर गांव में मो तैयब के बड़े पुत्र शफीकुल असांरी को जमीला के लिए पसंद किया गया.
रविवार की दोपहर जब शफीकुल बरात लेकर जमीला के दरवाजे पर आये तो लोगों का दिल उल्लास से भर गया. जमीला की मां की आंखों से आंसू निकला आया. उसने कहा कि उसे उम्मीद नहीं थी कि उसकी पुत्री दुल्हन बन पायेगी.
विदाई के मौके पर कमेटी के सदस्य मो असगर, मो फिरोज, मो निजाम, मो फरीद, अब्दुल कासिम तेगी, मो मकसूद समेत समस्त गांव वासी मौजूद थे. विदाई के समय सभी की आंखें नम हो गयीं.