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दो लाख की आबादी पर 71 सफाईकर्मी, कैसे हो सफाई

हाजीपुर : नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाने में नगर पर्षद नाकाम साबित हो रहा है. मैन पावर और संसाधनों के अभाव में नगर की साफ-सफाई से लेकर विकास के अन्य कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. सड़क, नाला, पेयजल और सफाई जैसी बुनियादी समस्याओं से नागरिकों को निजात नहीं मिल पा रही. नतीजतन, […]

हाजीपुर : नागरिकों के प्रति अपनी जिम्मेदारियां निभाने में नगर पर्षद नाकाम साबित हो रहा है. मैन पावर और संसाधनों के अभाव में नगर की साफ-सफाई से लेकर विकास के अन्य कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. सड़क, नाला, पेयजल और सफाई जैसी बुनियादी समस्याओं से नागरिकों को निजात नहीं मिल पा रही. नतीजतन, नगरवासियों के अंदर अपने प्रतिनिधि और नगर पर्षद के प्रति असंतोष बढ़ता जा रहा है. लगभग 50 साल पहले से ही नगर पर्षद में विभिन्न कोटि के कर्मचारियों के 230 पद स्वीकृत हैं. इन 50 वर्षों में नगर क्षेत्र की आबादी में तीन गुनी बढ़ोतरी हुई है.

न सिर्फ नगर क्षेत्र का दायरा बढ़ा है,बल्कि वार्डों की संख्या में भी इजाफा हुआ है. तब हाजीपुर नगरपालिका में कुल 18 वार्ड थे. आज वार्डों की संख्या 39 है. मौजूदा समय में नगर पर्षद को कम से कम 500 कर्मियों की आवश्यकता बतायी जाती है. वहीं वर्तमान में इसके कर्मियों की तादाद सौ के करीब है. लगभग पांच साल पहले 10 कर्मचारियों के सेवानिवृत हो जाने के बाद से कार्यालय का काम भी निपटाना मुश्किल हो रहा है.ऐसी स्थिति में नगर पर्षद जन सुविधाओं से जुड़े कार्यों का निष्पादन सही ढंग से नहीं कर पा रहा.

आबादी तीन गुना बढ़ा, सफाईकर्मी हो गये आधा: नगर पर्षद में सफाई कर्मचारियों का घोर अभाव है. जब नगर क्षेत्र की आबादी लगभग 60 हजार थी, तब नगरपालिका में सफाई कर्मियों की तादाद 150 से अधिक थी. आज क्षेत्र की आबादी एक लाख 90 हजार के करीब है. जबकि नगर पर्षद में सफाई कर्मचारियों की संख्या घट कर 71 रह गयी है.
सफाई कर्मचारियों के अभाव में नगर पर्षद ने सफाई कार्य का जिम्मा एनजीओ को सौंप रखा है. पर्षद चाहे जो दावा करे, लेकिन नगर का एक भी वार्ड ऐसा नहीं,जहां साफ – सफाई की स्थिति संतोषजनक हो. उधर सफाई के नाम पर नगर पर्षद प्रति माह लगभग 16 लाख रुपये खर्च कर रहा है और इधर नगर के लोग गंदगी एवं यत्र-तत्र पसरे कूड़े-कचरे के बीच जीवन बसर कर रहे हैं.
नाले के अभाव में सड़कों पर होता है जलजमाव
नगर के ज्यादातर मुहल्लों में अभी तक नाले का निर्माण नहीं हो सका है. इसके चलते मुहल्लों से पानी की निकासी नहीं हो पाती. नाले के अभाव में नगर के दर्जनों मुहल्लों में सड़क पर जल जमाव बना रहता है. बरसात के मौसम में लोगों की और दुर्गति होती है. शहर के पोखरा मोहल्ला, शाही कॉलोनी, वीर कुंवर सिंह कॉलोनी, चौहट्टा, सांचीपट्टी, बागमली समेत अन्य इलाकों में सड़कों पर पानी जमा होने के कारण लोगों का पैदल चलना मुश्किल हो जाता है. इन इलाकों के परेशान हाल लोग कहते हैं कि नगर पर्षद को प्राथमिकता के आधार पर नाला निर्माण का काम कराना चाहिए.
बोलीं सभापति
नगर पर्षद में लंबे समय से कर्मियों का अभाव बना हुआ है. सीमित संसाधनों के बावजूद हम नगरवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं. कर्मियों की कमी दूर करने के लिए नगर विकास एवं आवास विभाग को लिखा जा चुका है.इस पर विभाग को ही कार्रवाई करनी है.
संगीता कुमारी, सभापति, नगर पर्षद

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