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गैस सिलिंडर के अभाव में खाना पकाने में हो रही परेशानी

हाजीपुर : बुधवार दिन के 2:18 बजे थे. प्रभात खबर टीम सदर अस्पताल परिसर स्थित रैन बसेरा पर पहुंची. केंद्र के अंदर 15 बेडों में से मात्र दो पर लोग थे. बाकी के बेड खाली पड़े थे. एक बेड पर बिदुपुर के चेचर गांव निवासी संतोष तो दूसरे पर सदर थाना क्षेत्र के हरौली गांव […]

हाजीपुर : बुधवार दिन के 2:18 बजे थे. प्रभात खबर टीम सदर अस्पताल परिसर स्थित रैन बसेरा पर पहुंची. केंद्र के अंदर 15 बेडों में से मात्र दो पर लोग थे. बाकी के बेड खाली पड़े थे. एक बेड पर बिदुपुर के चेचर गांव निवासी संतोष तो दूसरे पर सदर थाना क्षेत्र के हरौली गांव निवासी रामेश्वर पंडित (55 वर्ष) थे. रामेश्वर पंडित ने बताया कि वह हार्ट व दमा के मरीज हैं.

इलाज के लिए सदर अस्पताल आने-जाने में खर्च व कठिनाई को देखते हुए वह यहीं पर रह रहे हैं. रैन बसेरा की व्यवस्था संभाल रही खुशी महिला संघ की अध्यक्ष अमीना खातून ने बताया कि दो दिनों से गैस सिलिंडर नहीं होने के कारण खाना बनाने में परेशानी हो रही है. तब तक छोटे गैस सिलिंडर से जैसे-तैसे खाना बना रहे हैं.

आवश्यक कागजात जमा नहीं होने से गैस की आपूर्ति बाधित हुई है. केयर टेकर टीम की सगुफ्ता परवीन व रंजू देवी ने बताया कि प्रावधानों के अनुसार शरणार्थियों को सुविधाएं दी जाती है.
दो दिनों से गैस सिलिंडर नहीं होने के कारण खाना बनाने में परेशानी हो रही है. नगर परिषद के सिटी मैनेजर ने आश्वासन दिया है कि आज-कल में गैस सिलिंडर का इंतजाम कर देंगे.
अमीना खातून, संचालक, सदर अस्पताल रैन बसेरा
रैन बसेरा योजना को नगर परिषद की ओर से कल्याणकारी योजना के रूप में संचालित किया जा रहा है. रैन बसेरा के संचालन व संचालकों एवं कर्मियों के मानदेय का भुगतान भी नगर परिषद की ओर से ही किया जाता है. प्रतिदिन के खर्चों व आमदनी आदि का हिसाब किताब संचालन से जुड़े कर्मी ही बता सकते हैं.
सिद्धार्थ हर्षवर्द्धन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद
बुद्धमूर्ति चौक स्थित बसेरा केंद्र में प्रतिदिन 50 रुपये शुल्क
बुधवार दिन के 1:20 बजे. प्रभात खबर की टीम नगर के बुद्धमूर्ति चौक स्थित रैन बसेरा पहुंची थी. यहां पर 15 बेड लगे हुए हैं लेकिन सभी खाली पड़े हुए थे. रैन बसेरा की प्रबंधक रानी कुमारी ने बताया कि यहां सभी मजदूर वर्ग के लोग ही शरण लेने पहुंचते हैं. फिलहाल सात लोग रह रहे हैं. सभी सुबह काम पर चले जाते हैं और रात में लौटते हैं. इनसे प्रतिदिन 50 रुपये शुल्क लिया जाता है. इसमें एक समय के खाने के लिए 35 रुपये में बेड के 15 रुपये शामिल है.
प्रबंधक के अनुसार बसेरा की आमदनी का श्रोत भवन के नीचे किराये पर संचालित दुकानें हैं. इन दुकानों के संचालकों की शिकायत थी कि दुकानदारों को बसेरा के शौचालय का इस्तेमाल करने से रोका गया है. इससे उन्हें परेशानी होती है. इस पर प्रबंधक ने बताया कि शरणार्थी शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. दुकानदारों के इस्तेमाल पर रोक का कारण उन्हें पता नहीं.बसेरा भवन के अंदर शरणार्थियों की सुविधा के लिए किचेन बनाया गया है. केयर टेकर टीम की कृष्ण माला देवी ने बताया कि केंद्र पर प्यूरीफायर पीने के पानी का इस्तेमाल किया जाता है. प्रबंधक ने बताया कि खाना बनाने के लिए निर्धारित राशि प्रतिदिन शरणार्थियों से ही ली जाती है. उसी से सामान की खरीदारी कर खाना बनाया जाता है.
मई 2017 से केंद्र पर प्रबंधक सह संचालिका के रूप में कार्य कर रही हूं. बसेरा केंद्र के विश्रामालय में अधिकांश मजदूर वर्ग के लोग आते है. 50 रुपये का शुल्क अदा करने पर उन्हें प्रावधानों के अनुसार सभी सुविधाएं दी जाती है.
रानी कुमारी, प्रबंधक, बुद्ध मूर्ति चौक, बसेरा

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